अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ी राहत मिली है। अमेरिकी सीनेट ने बुधवार को ट्रंप को महाभियोग के सभी आरोपों से बरी कर दिया है। सीनेट ने सत्ता के दुरुपयोग के आरोप को 52-48 वोट के अंतर से और कांग्रेस की कार्रवाई बाधित करने के आरोप को 53-47 वोट के अंतर से खारिज कर दिया। माना जा रहा है कि इस जीत से डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव में जमकर फायदा होगा। इसले पहले रिपब्लिकन सीनेटर मिट रोमनी ने ट्रंप के खिलाफ वोट किया था। हालांकि दूसरे आरोप में उनके पक्ष में समर्थन दिया।
बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप ने संसद के दोनों सदनों हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट को साझा सत्र में संबोधित किया। ट्रंप का यह तीसरा स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन था। राष्ट्रपति के संबोधन शुरू करने से पहले संसद के निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ट्रंप से हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ाया लेकिन उन्होंने अनदेखा कर दिया। इसके बाद जैसे ही डोनाल्ड ट्रंप ने भाषण खत्म किा पेलोसी ने संबोधन की कॉपी फाड़ दी।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर 18 दिसंबर 2019 को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने महाभियोग लगाया था। राष्ट्रपति पर दो आरोप हैं। पहला आरोप हैं कि उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में संभावित उम्मीदवार जो बिडेन के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के लिए यूक्रेन सरकार पर दबाव बनाया था। ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडीमिर जेलेंस्की के बीच फोन पर हुई बातचीत एक अहम सबूत है। वहीं दूसरा संसद के काम में रुकावट पैदा की।
अमेरिका के इतिहास में अबतक कुल तीन राष्ट्रपतियों पर महाभियोग चलाया गया है। एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप। जॉनसन और क्लिटंन को सीनेट ने पद से नहीं हटाया था। वहीं राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने महाभियोग से बचने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।