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मौलाना अबुल कलाम आजाद जयंती : साक्षरता दर बढ़ाएं हम

यह देखकर अत्यंत हर्ष की अनुभूति होती है कि जिस प्रकार समस्त विश्व में अनेक प्रकार के दिवस मनाए जाने का प्रचलन है ,उसी प्रकार शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय को भी राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी ही तन्मयता के साथ मनाया जाता है। सच कहूं तो हर्ष से अधिक मुझे गर्व की अनुभूति होती है यह देखकर कि शिक्षा को देश के महत्वपूर्ण मुद्दों में गिना जाने लगा है, शिक्षा को लेकर लोगों के मन में जागरूकता उत्पन्न होने लगी है। उन्हें समझ आने लगा है कि शिक्षा के बिना जीवन अंधकारमय  है।शिक्षा की महत्ता क्या होती है। इसे न केवल लोग अब समझ रहे हैं, अपितु शिक्षा के महत्व को अपनाने भी लगे हैं और अपने बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए आगे भी आने लगे हैं। समाज की परवाह न करते हुए वर्तमान में सभी अभिभावक और माता-पिता हर संभव प्रयास करने लगे हैं कि उनके बच्चे शिक्षा जैसे मूलभूत अधिकार से वंचित न रहने पाएं और पढ़ लिख कर वे भी अपने पैरों पर खड़े होकर आत्मनिर्भर बनें।

उनका यह सोचना शत प्रतिशत सही भी है, क्योंकि आज के समय में शिक्षा से अछूता रहने का सीधा-साधा मतलब यही है कि जिस समाज में हम रह रहे हैं वह समाज पिछड़ा समाज है एवं अभी भी हम अल्प विकसित देशों की श्रेणी में गिने जाते हैं। यदि हम सचमुच चाहते हैं कि हमारा देश विकसित राष्ट्र की श्रेणी में आने लगे, तो हमें पूरे #राष्ट्र को शिक्षित करना होगा, 100% साक्षरता दर लाने के लिए जी जान से जुड़ना होगा।साथ ही, न केवल अपने बच्चों को अपितु ,अपने आसपास के सभी विद्यालय जाने योग्य बच्चों का विद्यालय ले जाकर दाखिला कराना होगा और उनकी पढ़ाई लिखाई की जिम्मेदारी भी उठानी होगी।

देश का प्रत्येक जन शिक्षित हो, #शिक्षा प्राप्त करने की सभी को समान अवसर प्राप्त हों,इसी बात को मद्देनजर रखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक वर्ष 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस बड़ी ही धूमधाम से पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है।राष्ट्रीय शिक्षा दिवस भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के शिक्षा में योगदान की याद में उनकी जयंती पर अर्थात 11 नवंबर को प्रति वर्ष मनाया जाता है। इस दिवस को मनाए जाने के पीछे सरकार का ,हम सब का,समूचे भारत का केवल और केवल यही मंतव्य है कि हमारा देश शिक्षित राष्ट्र के साथ साथ स्वस्थ एवम समर्थ राष्ट्र बने। सरकार के साथ-साथ आइए आज हम भी शपथ लेते हैं कि देसी एक्सर्ता दूर करेंगे और जन-जन में शिक्षा के प्रति चेतना भरेंगे।

शिक्षा दिवस मनाएं हम, साक्षरता दर को बढ़ाएं हम।।

देश का कोई भी व्यक्ति शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहने पाए, इसके लिए भारत सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रावधान किए गए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की सुविधाएं समस्त राष्ट्र वासियों को बिना किसी भेदभाव के दी जा रही हैं,ताकि पूरा राष्ट्र निर्बाध रूप से शिक्षा प्राप्त कर सके और आगे बढ़ सके।

शिक्षा के क्षेत्र में जागरूकता पैदा करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की रैलियों का समय-समय पर आयोजन किया जाता है, विभिन्न प्रकार के शैक्षिक भ्रमण एवं शैक्षणिक सेमिनार और गोष्ठियां भी आयोजित की जाती हैं। इन सब का सिर्फ एक ही उद्देश्य है और वह यह कि देश के सभी बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सके और शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार से अछूते न रहने पाएं।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस प्रतिवर्ष 11 नवंबर को देशभर के सभी सरकारी एवम गैर सरकारी विद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों में पूरे जोश के साथ मनाया जाता है और साथ ही साथ यह संकल्प भी लिया जाता है कि भविष्य में कोई भी जन अशिक्षित नहीं रहेगा और शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे क्रांतिकारी परिवर्तनों को भारतीय सरकार भी अपने विद्यालयों में अपनाएगी और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरी के लिए प्रतिबद्धता दर्शाएगी,क्योंकि..पढ़ेगा भारत, तभी तो आगे बढ़ेगा भारत।

       पिंकी सिंघल

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