प्रयागराज शूटआउट पर यूपी का सियासी तापमान और तेज हो गया है। इसे लेकर यूपी विधानमंडल बजट सत्र के सातवें दिन सोमवार को भाजपा, सपा और बसपा के बीच जुबानी जंग और तेज हो गई। शुरुआत बसपा प्रमुख मायावती के ट्वीट से हुई।
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मायावती ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने साफ किया कि वह अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन को पार्टी से तब निष्कासित करेंगी जब वह दोषी साबित हो जाएं।
मायावती ने अतीक के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी को भी घेरा। उन्होंने लिखा, ‘अतीक अहमद समाजवादी पार्टी का ही प्रोडक्ट है। सपा से वह एमपी और एमएलए आदि भी रहा है। अब राजू पाल की पत्नी भी बीएसपी से सपा में चली गयी है, जिस पार्टी को वह मुख्य दोषी ठहराती थी। अतः इसकी आड़ में कोई भी राजनीति करना ठीक नहीं है।’ इस ट्वीट के बाद सपा ने बसपा पर पलटवार किया। सदन में जाने से पहले सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने मीडिया से कहा कि बैठे-बैठे ट्वीट से राजनीति नहीं चलती।
प्रयागराज शूटआउट पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सदन के बाहर मीडिया से कहा कि हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ पीड़ित परिवार के साथ है। हम उनको न्याय दिलाएंगे कोई भी बचेगा नहीं। उन्होंने कहा कि सभी माफिया समाजवादी पार्टी में पोषित और पल्लवित होते रहे हैं। सरकार उनको खोज कर कड़ी कार्यवाही करेगी। कोई भी बख्शा नहीं जाएगा। ऐसी कार्यवाही करेंगे जो सबके लिए नजीर बनेगी।
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शिवपाल ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश में इतनी बड़ी-बड़ी घटनाएं हो रही हैं। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। इस पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। सरकार द्वारा विधानसभा में इतनी बड़ी-बड़ी बातें की गईं लेकिन अभी भी कोई पकड़ा नहीं गया। उन्होंने कहा कि यूपी में लॉ एंड ऑर्डर बिल्कुल ध्वस्त है।
गाजियाबाद में घटना हुई, जौनपुर में घटना हुई, प्रयागराज में इतनी बड़ी घटना हुई। इसके बावजूद अभी तक कोई पकड़ा नहीं गया। इतनी बड़ी घटना पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए थी। हमलावरों को तुरंत पकड़ा जाना चाहिए था। सिर्फ बातें करने से कुछ नहीं होगा। 5 साल से उत्तर प्रदेश में किसकी सरकार है? अगर अभी तक कुछ नहीं हुआ तो समझना चाहिए कि अपराधियों को किस का संरक्षण है?