झांसी। कोरोना महामारी के दौरान धरती के भगवान डॉक्टरों के अलग अलग रूप देखने को मिल रहे हैं। इस भगवान की एक बहुत बड़ी चूक झांसी के रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में देखने को मिली। यहां एक महिला की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसे मरा बता दिया गया। इस मानवीय चूक को भूल बताकर भले ही पोर्टल पर सुधार लिया हो, लेकिन खुद महिला और उसके नाते-रिश्तेदारों को जो आघात पहुंचा उसका जवाब किसी पास नहीं है। इस घटना के बाद महिला को सोशल मीडिया पर खुद अपने जिंदा होने का सबूत देना पड़ा।
जानकारी के मुताबिक शहर के सिविल लाइन क्षेत्र में बाबूलाल कारखाना निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक लक्ष्मीनारायण गुप्ता और उनकी पत्नी राजकुमारी ने कोरोना के लक्षण सामने आने पर 11 अप्रैल को कोविड जांच कराई थी। 14 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर दोनों मेडिकल कॉलेज भर्ती होने के लिए पहुंचे। बेड न होने पर उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा, लेकिन अगले दिन दोनों को मेडिकल कॉलेज ने बेड खाली होने पर भर्ती कर लिया।
दंपति की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें 17 अप्रैल को डिस्चार्ज कर दिया गया, लेकिन सावधानी के चलते दंपति अभी भी होम आइसोलेशन में हैं। शुक्रवार को प्रशासन की तरफ से जारी कोरोना से मरने वालों की सूची में राजकुमारी गुप्ता का भी नाम था। पति लक्ष्मीनारायण गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार रात से ही तमाम रिश्तेदारों के फोन आने शुरू हो गए। सभी लोग पत्नी का हाल जानने के लिए कॉल कर रहे थे। पहले तो बात समझ नहीं आयी, लेकिन एक फ़िरश्तेदार से पूछने पर उन्होंने पूरा मामला समझ में आया। इसके बाद राजकुमारी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी खुद के स्वस्थ्य होने की जानकारी दी।
इस मामले में सफाई देते हुए कमांड सेंटर के डाटा इंचार्ज डॉ. नीरज बनौरिया ने बताया, राजकुमारी नाम की ही एक महिला की गुरुवार देर रात मौत हुई थी। परिजनों द्वारा हंगामा करने के बाद मौके पर पुलिस भी पहुंच गई थी। पुलिस चौकी में मृतक महिला की फाइल भेजी गई। क्योंकि मौत की रिपोर्ट ऑनलाइन दर्ज भी होती है। ऐसे में कर्मचारी वार्ड में उस नाम की फाइल लेने पहुंच गया। फाइल पुलिस चौकी में थी इसलिए एक जैसे नाम की डिस्चार्ज हो चुकी महिला का रिकॉर्ड चढ़ गया। भूल का सुधार करते हुए पोर्टल पर इसे सही कर दिया गया गया है।