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मजबूरी में मीना ने फिल्मों में रखा था कदम, सात साल की उम्र में डेब्यू कर इंडस्ट्री पर किया राज

हिंदी सिनेमा की मशहूर अदाकारा मीना कुमारी एक ऐसी हस्ती थी, जो फिल्मों अपने किरदार के चलते वह अमर हो गईं। अपनी फिल्मों के किरदार में मीना कुमारी जान फूंक देती थीं। भले ही मीना आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपनी फिल्मों के जरिए उनके होने का एहसास हमेशा बना रहता है। मीना कुमारी ने अपने करियर में ‘बैजू बावरा’, ‘पाकीजा’ और ‘साहेब बीवी और गुलाम’ जैसी फिल्मों में यादगार किरदार निभाए, जिनके लिए लोग आज भी उन्हें याद करते हैं। आज मीना कुमार की पुण्यतिथि है। चलिए आपको सिने जगत की इस मशहूर अदाकारा के सफर के बारे में बताते हैं।

मीना कुमारी का जन्म 1 अगस्त साल 1933 में मुंबई में हुआ था। मीना कुमारी के पिता अली बख्श मुस्लिम और मां बंगाली क्रिश्चिन थीं। माता-पिता ने उनका नाम महजबीन रखा था। मीना कुमारी के पिता एक बेटा चाहते थे, बेटी के जन्म से उनके पिता बेहद दुखी थे। उन्होंने मीना को एक अनाथालय के बाहर छोड़ दिया और हालांकि, जब बाद में पिता का मन नहीं माना तो वे उन्हें वापस उठा लाए।

घर की आर्थिक हालत ठीक ने होने की वजह से मीना ने महज सात साल उम्र में ही काम करना शुरु कर दिया था। उन्होंने सात साल की उम्र में ‘फरजाद-ए हिंद’ नाम की फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद अन्नपूर्णा, सनम, तमाशा, लाल हवेली जैसी फिल्मों में नजर आईं। हालांकि, मीना को पहचान फिल्म ‘बैजू बावरा’ से मिली, जिसने उन्हें शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचाया। यह फिल्म साल 1952 में रिलीज हुई थी। इसके बाद मीना कुमारी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

अभिनेता अशोक कुमार के साथ मीना कुमारी को जोड़ी खूब जमी। दर्शकों को दोनों के बीच की केमिस्ट्री खूब पसंद आती थी। दोनों ने एक साथ कई फिल्मों में काम किया, जो सुपरहिट रही। मीना कुमारी ने अपने फिल्मी करियर में चार बार फिल्मफेयर अवॉर्ड अपने नाम किया। हालांकि, फिल्मी करियर की तरह मानी का पर्सनल लाइफ बेहद उतार चढ़ाव भरी रही।

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