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माहवारी स्वच्छता दिवस : साफ और धुले कपड़े को सेनेटरी नैपकिन नहीं होने पर कर सकते हैं इस्तेमाल

• लम्बे समय तक सेनेटरी नैपकिन नहीं बदलना हो सकता है संक्रमण कि मुख्य वजह

• माहवारी के दौरान पुरुष का सहयोग भी ज़रूरी

औरैया। मासिक धर्म या माहवारी यह कोई समस्या या बीमारी नहीं बल्कि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया से लगभग 11 वर्ष से 40 वर्ष की अधिकतर महिलाएं गुज़रती हैं। हर वर्ष 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस महिलाओं व किशोरीयों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। जिसका मुख्य उद्देश्य लड़कियों और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान चार से पांच दिन स्वच्छता रखने के लिए जागरूक करना है। इस वर्ष माहवारी स्वच्छता दिवस की थीम है-मेंस्ट्रूअल हाइजीन समस्या के प्रति हम सभी समर्पित।

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मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव का कहना है कि माहवारी के समय स्वच्छता रखना बेहद अहम है, ज़रूरी है कि इस समय सेनेटरी पैड इस्तेमाल किये जाए अगर पैड नहीं है तो साफ़ धुला और धूप में सूखा हुआ कॉटन कपडा भी इस्तेमाल किया जा सकता है। सफाई के साथ ही 2-3 घंटे के अन्तराल पर कपड़ा या पैड बदलना बहुत ही ज़रूरी है। अक्सर कामकाजी महिलाएं भी इस चीज को नज़रंदाज़ कर देती हैं।.लम्बे समय तक एक ही पैड को लगाने से पसीना और रक्तस्त्राव कि वजह से बदबू के साथ ही यौन संचारी और प्रजनन मार्ग संक्रमण (आरटीआई/एसटीआई) फैलने कि संभावना रहती है. साथ ही उचित साफ सफाई नहीं रखने पर
सर्वाइकल कैंसर होने की भी संभवाना होती है।

माहवारी स्वच्छता दिवस Menstrual Hygiene Day

50 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ सुनीता सागर जानकारी देते हुए बताती हैं पैड को इस्तेमाल करने के बाद इसका निस्तारण भी बहुत ज़रूरी होता है। इसको अख़बार में लपेट कर कूड़ेदान में फेकना चाहिए। इसे फ्लश करने से बचना चाहिए। डॉ सागर बताती हैं पेशाब करते समय जलन, गुप्तांगों के आस पास दर्द रहना और बदबूदार पानी आना प्रजनन मार्ग संक्रमण और यौन संचारित संक्रमण (आरटीआई/एसटीआई) के लक्षण होते हैं।

इन रोगों के होने की मुख्य वजह साफ सफाई की कमी होना है। गुप्तांगो की उचित साफ सफाई नहीं रखने से इस तरह का संकर्मण होने की संभावना रहती है। डॉ सागर बताती हैं वक़्त की ज़रूरत है कि माहवारी पर खुलकर बात होनी चाहिए। सिर्फ पुरुषों के बीच ही नहीं, बल्कि महिलाओं के बीच भी इस पर बात करना शर्म की बात समझी जाती है। इस पर जागरूकता की ज़रूरत है। कोई भी समस्या होने पर बिना हिचक के डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें और सही सलाह और इलाज लें।

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शुरुआत में हल्की सी खुजली के साथ जलन, हो सकता है फंगल इंफेक्शन। जनपद निवासी 19 वर्षीय हर्षिता सिंह बीते छह माह से माहवारी के दौरान फंगल इंफेक्शन का सामना कर रही थी। वह बताती हैं.कि शुरुआत में हल्की सी खुजली हुई, जिसे अनदेखा कर दिया। धीरे धीरे खुजली के साथ जलन भी होने लगी। लेकिन शर्म की वजह से घर में किसी को नहीं बताया, जब समस्या बर्दाश्त से बाहर हो गई, तब बड़ी दीदी को बताया और वह मुझे जिला अस्पताल स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास लेकर गई।

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वहां डॉक्टर ने मुझसे बीमारी के बारे में पूछा मैंने उनको बताया कि माहवारी के समय ही खुजली और जलन होती है। तब डॉक्टर ने मुझे बताया कि वेजाइनल इन्फेक्शन हुआ है। इसलिए माहवारी के चार पांच दिन सफाई का विशेष ध्यान दें। दिन में चार या पांच घंटे के अंतराल से कपड़ा बदले और फ़ौरन हाथों को साबुन से धोएं। डॉक्टर ने कुछ दवाएं दीं जो कि इन्फेक्शन एरिया पर लगाने व खाने के लिए थी। दो माह के उपचार के बाद अब मैं ठीक हूं। हर्षिता ने किशोरी व महिलाओं से अपील की है, कि माहवारी के दौरान सफाई का ख्याल रखें। थोड़ी सी परेशानी होने पर बिना झिझके घर में बताएं, जिससे की समय रहते उपचार हो सके। और मेरी तरह परेशान न होना पड़े।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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