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शताब्दी समारोह में समरसता सन्देश

डॉ दिलीप अग्निहोत्री
 डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

केंद्र की वर्तमान सरकार सबका साथ सबका विकास की भावना से कार्य कर रही है। नई शिक्षा नीति में भी इस भावना का समावेश है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यह किसी सरकार या प्रधानमंत्री की शिक्षानीति नहीं है। बल्कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शिक्षा के साथ समरसता का सन्देश दिया।

उन्होंने कहा कि देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है जहां मजहब की वजह से कोई पीछे न छूटे,सभी को आगे बढ़ने के समान अवसर मिले,सभी अपने सपने पूरे करें। सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास ये मंत्र मूल आधार है। देश की नीयत और नीतियों में यही संकल्प झलकता है। कोरोना संकट के दौरान भी AMU ने समाज की बहुत मदद की। हजारों लोगों का मुफ्त टेस्ट,आइसोलेशन वार्ड निर्माण,प्लाज्मा बैंक की स्थापना,पीएम केयर फंड में बड़ी राशि का योगदान आदि समाज के प्रति दायित्वों का बेहतरीन निर्वाहन है।

छप्पन वर्ष बाद पीएम का सम्बोधन

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छप्पन वर्षो बाद किसी प्रधानमंत्री का सम्बोधन हुआ। छप्पन वर्ष पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने यहां एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और सैयदना मुफदालल सैफुद्दीन, एएमयू के कुलपति भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक डाक टिकट भी जारी किया।

सबका साथ सबका विकास

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार बिना किसी भेदभाव के कार्य कर रही है। आयुष्मान योजना के तहत पचास करोड़ लोगों को पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज संभव हुआ। आज देश जो योजनाएँ बना रहा है वो बिना किसी मत मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुँच रही हैं। चालीस करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले। दो करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए गए। आठ करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस मिला।

छह वर्ष पहले देश में सोलह आईआईटी थीं। आज तेईस हैं। पहले तेरह आईआईएम थे,अब बीस है। छह साल पहले तक देश में सिर्फ सात एम्स थे। आज देश में बाइस एम्स हैं। पहले लाखों मुस्लिम बेटियां शौचायल की कमी की वजह से पढ़ाई छोड़ देती थीं,अब हालात बदल रहे हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इक्कीसवींव सदी में भारत के छात्र छात्राओं की जरूरतों को सबसे ज्यादा ध्यान में रखा गया है।

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