Breaking News

मोबाइल के नशे से एक मासूम के साथ हुआ कुछ ऐसा जो उसके माँ बाप ने कभी सोचा भी नहीं होगा

मोबाइल फोन के नशे में डेढ़ वर्ष का एक मासूम ऐसा खोया कि चार वर्ष की आयु में वह पापा-मम्मी भी नहीं बोल पा रहा है. हमेशा फोन में व्यस्त रहने से बच्चे की बोलने और संवाद करने की क्षमता विकसित नहीं हुई. वह लोगों के बीच जाना भी नहीं चाहता. फोन न देने पर उग्र हो जाता है. रेलवे के एक ऑफिसर की पत्नी कॉन्वेंट स्कूल में टीचर हैं. उनका एक बेटा है. दोनों लोग नौकरीपेशा थे.

डेढ़ वर्ष की आयु में मासूम को वह घर पर मेड के सहारे छोड़ दिया करते थे. बच्चे को खेलने के लिए दंपती ने मेड को एक मोबाइल फोन भी दिला दिया था. बच्चा उसी फोन में व्यस्त रहता था, लेकिन इसके पड़ने वाले प्रभाव का आभास किसी को नहीं था. बच्चा चार वर्ष से ऊपर का हो गया, लेकिन अब वह बिल्कुल भी नहीं बोल पा रहा है. पापा-मम्मी कहना कठिन हो रहा है.

फोन न देने पर उग्र हो जाता है बच्चा
बच्चा मोबाइल फोन में गेम खेलना, वीडियो लगाना, यू ट्यूब चलाना आदि बहुत ज्यादा अच्छे ढंग से कर लेता है. उसकी सभी गतिविधियां भी सामान्य हैं, लोकिन वह बोल नहीं पाता. प्रारम्भ में उन्हें आभास नहीं हुआ कि ऐसा कैसे हुआ. बाद में जानकारी होने पर पर उन्होंने बच्चे को फोन देना बंद किया तो वह उग्र होने लगा.

किसी के पास भी नहीं जाता है
चार वर्ष का बच्चा किसी मेड और मां-बाप के साथ किसी  के पास जाना भी नहीं चाहता है. करीब 20 दिन पहले दंपती बच्चे को लेकर कॉल्विन अस्पताल में बनाए गए मोबाइल नशा मुक्ति केन्द्र पर पहुंचे. वहां के मनोचिकित्सक डाक्टर राकेश पासवान से परामर्श किया.

बच्चे की स्पीच थेरेपी हो रही
बच्चे में स्पीच और कम्युनिकेशन स्किल विकसित करने के लिए मोबाइल नशा मुक्ति केन्द्र पर उसकी स्पीच थेरेपी कराई जा रही है. मनोचिकित्सक डाक्टर राकेश पासवान और नैदानिक मनोचिकित्सक डाक्टर ईशान्या राज ने दंपती की भी काउंसिलिंग की.

वहीं, भारतीय एकेडमी ऑफ न्यूरो साइंस के वार्षिक परिचर्चा में भी एम्स के साइकोलॉजी विभाग के हेड प्रो केके दीपक ने बच्चों को सुझाव दिया कि वह बिना किसी दबाव के अपने किसी भी विषय की पढ़ाई करें.

About News Room lko

Check Also

26 नवम्बर को रवाना होगी श्रीराम बारात, जनकपुर जायेंगे 500 बाराती

अयोध्या। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार श्रीराम बारात में देश भर ...