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यूपी को 13 नए मेडिकल कॉलेज देने की योजना बना रही है मोदी सरकार

केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी के साथ मिलकर प्रयागराज के मोती लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया. इस ब्लॉक के 220 बिस्तरों को विशेष कोविड अस्पताल के रूप में देश को समर्पित किया गया.

आईसीएमआर ने उत्तर प्रदेश में पहली थ्रूपुट कोबास 6800 मशीन भी चालू की गई, ताकि कोरोना की जांच में क्षेत्रीय संतुलन बनाया जा सके. सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक का निर्माण प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत 150 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है.

इसमें न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, एंडोक्रिनोलॉजी, सर्जिकल ऑनकोलॉजी, कार्डियोथेरेपी और वस्कुलर सर्जरी के विभाग हैं. नये ब्लॉक में 7 ऑपरेशन थिएटर, 233 सुपर स्पेशिलिटी बेड, 52 आईसीयू बेड, 13 डाइलेसिस बेड होंगे. इसमें 24 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के प्रशिक्षण की भी सुविधा होगी.

डॉ. हर्ष वर्धन ने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के कार्य की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश और बिहार को दो नये एम्स स्वीकृत किए गए थे और उत्तर प्रदेश में दोनों एम्स पूर्ण होने वाले हैं.

इनमें से एम्स रायबरेली में ओपीडी सेवाएं और एमबीबीएस की कक्षाएं जारी हैं. SGPGI लखनऊ, ISS-BSU वाराणसी, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज-AMU-अलीगढ़, महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज-झांसी, BRD मेडिकल कॉलेज गोरखपुर, LLRM मेडिकल कॉलेज मेरठ में सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक/ट्रॉमा सेंटर बनाने का काम हुआ है.

ये काम PMSSY के विभिन्न चरणों के अंतर्गत पूरा कर लिया गया है, जबकि मेडिकल कॉलेज आगरा, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज कानपुर, आरआईओ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस-बीएसयू-वाराणसी में यह कार्य पूर्ण होने के करीब है.

उन्होंने बताया कि राज्य में 13 नए मेडिकल कॉलेज बनाए जाने की योजना है, इससे पिछले ढाई साल में राज्य में बनने वाले मेडिकल कॉलेज को मिलाकर कुल संख्या 27 हो जाएगी. ये मेडिकल कॉलेज बिजनौर, गोंडा, ललितपुर, चंदौली, बुलंदशहर, कोशाम्बी, अमेठी, कानपुर देहात, सुल्तानपुर, लखीमपुर, ओरैया और सोनभद्र जिलों में बनेंगे.

PMSSY के तहत नये सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक के महत्व पर उन्होंने कहा कि इससे निकटवर्ती कोशाम्बी, चित्रकूट, बांदा, प्रतापगढ़ और मिर्जापुर जैसे जिलों के मरीजों को सुविधा मिलेगी. उन्होंने बताया कि यह सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक, विशेष कोविड अस्पताल के रूप में काम करेगा.

उन्होंने बताया कि कोविड महामारी की शुरुआत के समय राज्य के 26 जिलों में एक भी वेंटीलेटर नहीं था. लेकिन केन्द्र सरकार की सहायता ने कोरोना चिकित्सा ढांचे में व्यापक सुधार करने का अवसर दिया है.

इस समय राज्य में 1 लाख 75 हजार कोविड मरीजों के लिए बेड हैं, प्रतिदिन डेढ़ लाख से 2 लाख के बीच नमूनों की जांच की जा रही है और प्रत्येक जिले में कम से कम लेवल एक और लेवल दो की कोविड केयर फैसलिटी है.

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