प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समाज जीवन के सन्यासी है। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने गुजरात के छह करोड़ लोगों को अपना परिवार माना, उन्हीं के कल्याण में समर्पित भाव से लगे रहे। प्रधानमन्त्री बने तो देश के सभी सवा करोड़ लोग उनके परिजन हो गए। इसलिए वह पर्व उत्सव भी इसी परिवार के साथ मनाते हैं। दीपोत्सव की पूर्व संध्या पर वह अयोध्या आए थे। यहां उन्होंने पांच दीप प्रज्वलित करके दीपोत्सव का शुभारंभ किया था। अगले दिन वह पाकिस्तान सीमा पर तैनात भारतीय जवानों के साथ दिपावली मनाने पहुँचे।
प्रधानमंत्री बनने के बाद से वह लगातार आठ साल से सैनिकों के बीच दीपावली मनाते आ रहे हैं। इस साल वह सेना के जवानों के साथ दिवाली मनाने की अपनी परंपरा को बरकरार रखते हुए जम्मू-कश्मीर में कारगिल के द्रास सेक्टर पहुंचे। उन्होंने पिछले साल भी पाकिस्तान की सीमा पर नौशेरा सेक्टर के अग्रिम क्षेत्र में जवानों के साथ दीपावली मनाई थी। उन्होंने 2014 में इस परंपरा की शुरुआत दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन से की थी। 23 अक्टूबर 2014 को सियाचिन में पहली दिवाली मनाई थी। 2015 में पंजाब के अमृतसर में जवानों के साथ दिवाली मनाई थी। यहां वे 1965 युद्ध के वॉर मेमोरियल का दौरा भी करने पहुंचे दीपावली 2016 में मनाने के लिए वह हिमाचल प्रदेश के चांगो गांव में पहुंचे थे। यहां उन्होंने भारत-चीन बॉर्डर के पास जवानों के साथ दिवाली मनाई थी।
2017 को जम्मू-कश्मीर के गुरेज वैली में एलओसी पर जवानों के बीच जाकर दिवाली मनाई थी. 2018 को उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत के आखिरी गांव माणा के करीब चीन की सरहद पर तैनात भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों के साथ दिवाली मनाई थी। दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने इस परंपरा को जारी रखा. 2019 को राजौरी पहुंचे और एलओसी पर तैनात सैनिकों के साथ दीपावली मनाई। राजौरी से लौटते वक्त पीएम मोदी ने पठानकोट एयरबेस पर एयर वॉरियर व अन्य कर्मियों संग दिवाली मनाने के बाद एयरबेस में लड़ाकू विमानों का भी जायजा लिया था।
2020 की दिवाली पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर राजस्थान के जैसलमेर में लोंगेवाला पोस्ट पर जवानों के साथ मनाई थी। उन्होंने उस दौरान जिस अर्जुन टैंक पर सवारी की थी, उसके उन्नत संस्करण स्वदेशी मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन एमके वन-ए टैंकों की आपूर्ति के लिए एचएएल को ऑर्डर दिया जा चुका है। 2021 में उन्होंने दिवाली का त्योहार पाकिस्तान की सीमा पर नौशेरा सेक्टर में मनाया था। नौवीं बार सीमा पर सेना के जवानों के साथ दीपावली मनाने के लिए जम्मू-कश्मीर के करगिल द्रास पहुँचेथे।
नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमने कभी भी युद्ध को पहले विकल्प के रूप में नहीं देखा, चाहे लंका में युद्ध हो या कुरुक्षेत्र में। हमने इसे स्थगित करने की आखिरी कोशिश की। हम युद्ध के खिलाफ हैं लेकिन ताकत के बिना शांति नहीं हो सकती। अगर कोई हमें बुरी नजर से देखने की हिमाकत करेगा तो हमारे सशस्त्र बल करारा जवाब देंगे।
पाकिस्तान की सीमा पर चौथी बार दिवाली मनाने के लिए सोमवार की सुबह कारगिल पहुंचे प्रधान मंत्री ने जवानों के संग वंदेमातरम गीत गाकर उनमें जोश भरा। प्रधान मंत्री ने जवानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि दिवाली का अर्थ है ‘आतंक के अंत का त्योहार’ और कारगिल ने इसे संभव बनाया। पाकिस्तान के साथ हर युद्ध में कारगिल ने जीत का झंडा फहराया है। यूक्रेन युद्ध के दौरान हमारा राष्ट्रीय ध्वज वहां फंसे हमारे नागरिकों के लिए एक ढाल बन गया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में भारत का सम्मान बढ़ा है।
ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि भारत अपने आंतरिक और बाह्य दुश्मनों के खिलाफ सफलतापूर्वक खड़ा है। आप सभी सरहदों पर हमारी रक्षा कर रहे हैं, वैसे ही हम देश के भीतर आतंकवाद, नक्सलवाद और भ्रष्टाचार जैसी बुराइयों से लड़ने के लिए काम कर रहे हैं। ‘नक्सलवाद’ ने देश के एक बड़े हिस्से को अपनी गिरफ्त में ले लिया था लेकिन आज वह तेजी से कम हो रहा है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि सशस्त्र बल हमारी सीमा की रक्षा कर रहे हैं, जिससे भारत का प्रत्येक नागरिक चैन की नींद सोता है। मैं भारत के सशस्त्र बलों की भावना को नमन करता हूं, क्योंकि आपके बलिदान ने हमारे देश को हमेशा गौरवान्वित किया है।
कारगिल में हमारी सेना ने आतंक के फन को कुचलने का काम किया है, जिससे आज देश दिवाली जैसा त्योहार चैन से मना पा रहा है। तीनों सशस्त्र बलों ने तय किया है कि चार सौ से अधिक प्रकार के रक्षा उपकरण आयात नहीं किए जाएंगे, बल्कि भारत में बनाए जाएंगे। सीमावर्ती क्षेत्रों में निर्बाध कनेक्टिविटी के साथ हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रहे हैं। महिला अधिकारियों को शामिल करने से हमारी शक्ति का विकास होगा।