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राजस्थान पुलिस को सौंपा गया मोनू मानेसर, नूंह कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

बजरंग दल के मोनू मानेसर को नूंह कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है. मानेसर को हरियाणा पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था. मानेसर को हरियाणा पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था.

पुलिस के सूत्रों ने पुष्टि की कि मोनू को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धाराओं के तहत हरियाणा के नूंह जिले में दर्ज एक प्राथमिकी के संबंध में हिरासत में लिया गया था. जिसेक बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. रिपोर्ट के अनुसार, मानेसर को राजस्थान पुलिस को सौंप दिया गया है.

राजस्थान के भरतपुर के एसपी मृदुल कछावा ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, ”हमें जानकारी मिली है कि हरियाणा पुलिस ने मोनू मानेसर को हिरासत में लिया है, जो नासिर और जुनैद (लिंचिंग) मामले में वांटेड है. हरियाणा पुलिस अपनी आगे की प्रक्रिया कर रही है और हमारे अधिकारी उनके संपर्क में हैं. जब उनकी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, (हमारी) जिला पुलिस उनकी प्रक्रिया शुरू कर देगी.”

नूंह के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजारणिया ने दिप्रिंट से पुष्टि की कि सोशल मीडिया पर मोनू के कथित “भड़काऊ भाषणों” को लेकर 26 अगस्त को उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, “उसने वीडियो में ‘अंतिम-वॉर होगा’ (अंतिम लड़ाई होगी) जैसी बातें कहीं.” उन्होंने आगे बताया, “पुलिस उसके सोशल मीडिया पर नज़र रख रही है.”

यह हरियाणा के नूंह जिले में सांप्रदायिक झड़पें देखने के लगभग एक महीने बाद आया है. मोनू ने नूंह में ब्रज मंडल यात्रा से पहले एक वीडियो जारी किया था, जिसे ‘भड़काऊ’ माना गया था. हालांकि, झड़पों के संबंध में उसके खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी.

गुरुग्राम के मानेसर शहर का रहने वाला मोहित यादव उर्फ ​​मोनू मानेसर राजस्थान पुलिस द्वारा फरवरी से जुनैद और नासिर की कथित हत्या के मामले में भी वांटेड है, इस में इन दो मुस्लिम पुरुषों के शव भिवानी में जले हुए पाए गए थे.

राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमीका गांव के निवासी दो मुस्लिम व्यक्तियों की 15 फरवरी को हत्या कर दी गई थी और उनके शव भिवानी में एक जले हुए वाहन में पाए गए थे.

उन लोगों को कथित तौर पर गोरक्षकों ने पीट-पीटकर मार डाला, जिन्हें संदेह था कि वे दोनों गायों की तस्करी कर रहे थे.

अगस्त में, राजस्थान पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) उमेश मिश्रा ने मीडियाकर्मियों को बताया था कि मोनू मानेसर दो लोगों की हत्या में सीधे तौर पर शामिल नहीं था और उसकी “अप्रत्यक्ष” भागीदारी की जांच की जा रही थी

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