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राष्ट्रीय डेंगू दिवस : डेंगू की रोकथाम व नियंत्रण में सहभागिता व ज़िम्मेदारी जरूरी

• सर्विलांस, जनजागरूकता और सतर्कता के कारण पिछले वर्षों की तुलना में ज्यादा रिपोर्ट हो रहे मामले

• समय से डेंगू की पहचान और इलाज की प्रवृत्ति से जानलेवा नहीं बन पाता है डेंगू

कानपुर नगर। जिले में बीते वर्षों की तुलना में डेंगू (Dengue) के ज्यादा मामले आने से घबराएं नहीं। यह विभाग की सर्विलांस टीम की आक्रामक गतिविधि का परिणाम है। जिले के जागरूक लोग आजकल बुखार होने पर अस्पताल जा रहे हैं, जांच करवा रहे हैं और मामले सामने आ रहे हैं। यह एक बेस्ट प्रैक्टिस है। डेंगू की समय से पहचान और इलाज होने से यह जानलेवा भी साबित नहीं हो पा रहा है। ऐसे में बिना घबराए सभी को मिलजुल कर डेंगू पर वार करना है। उक्त अपील मुख्य चिकत्सिा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने जनपदवासियों से की है।

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संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ आरपी मिश्रा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग स्वयं विशेष प्रयास से अधिकाधिक डेंगू मरीज ढूंढ रहा है। इससे बीमारी के प्रसार में रुकावट आएगी और मरीज का समय से इलाज भी शुरू हो जा रहा है। डेंगू मरीज की पहचान न होने और समय से इलाज न होने पर खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। लोगों को भी चाहिए कि अगर डेंगू का लक्षण दिखे तो तुरंत सरकारी अस्पताल में जाकर निःशुल्क जांच कराएं और इलाज शुरू करवा दें। पूरे बाजू के कपड़े पहनने, मच्छर अगरबत्ती व मच्छरदानी का प्रयोग करने, कहीं भी साफ पानी का ठहराव न होने देने, साफ पानी के ठहराव वाले घरेलू व सामुदायिक स्थानों की नियमित सफाई करने और लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल जाने जैसे पांच मत्रों को अगर लोग अपना लें तो डेंगू का प्रसार रुक जाएगा।

राष्ट्रीय डेंगू दिवस

जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह ने बताया कि तापमान में कमी और वर्षा आदि परिस्थितियों के आधार पर मच्छर जनित रोगों में वृद्धि की प्रवृत्ति होती है। यह वातावरण मच्छरों के प्रजनन के लिये अनकूल होते हैं जिससे डेंगू के मरीजों की संख्या में वृद्धि होती है। हमारा प्रयास इस संचरण चक्र को तोड़ने का होना चाहिये और यह केवल अन्य क्षेत्रों के साथ सहयोग बढ़ाने और मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करने के हमारे प्रयासों में महत्वपूर्ण सामुदायिक सहभागिता के साथ हो सकता है।

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इस साल की थीम का भी यही उद्देश्य है कि सभी की साझेदारी से डेंगू की रोकथाम की जा सके। इसमें सभी विभागों एवं जनसामान्य से अपेक्षित सहयोग प्राप्त करना है। उन्होंने बताया कि पहले से ही डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव एवं रोकथाम के लिए नगरीय एवं ग्रामीण स्तर पर नियमित लार्वीसाइड छिड़काव और एक हफ्ते से भी अधिक समय से भरे पानी के पात्रों को खाली (स्रोत विनष्टीरण) किया जा रहा है। इसके लिए समुदाय मे ‘हर रविवार मच्छर पर वार’ का संदेश दिया जा रहा है।

एडीज प्रजाति के मच्छरों से होता है प्रसार

जिला मलेरिया अधिकारी का कहना है कि डेंगू का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खास एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से ही होता है। यह मच्छर सामान्यतया दिन में काटते हैं और ठहरे हुए साफ पानी में ही पनपते हैं । सतर्कता ही इस बीमारी से बचाव है। मधुमेह के मरीजों और गर्भवती को खासतौर पर सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया की मंगलवार को राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में गोष्ठी आयोजित कर सभी को डेंगू के प्रति जागरूक किया जायेगा।

यह भी जानें

डेंगू की गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए सरकारी स्तर पर कई कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं l हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है l इस दिन को मनाने के पीछे का मकसद लोगों को इस घातक बीमारी के प्रति जागरुक करना है l इस बार डेंगू दिवस की थीम ‘डेंगू को हराने के लिए साझेदारी का उपयोग करें’ रखी गई है l

यह लक्षण दिखें तो हो सकता है डेंगू

तेज बुखार
त्वचा पर चकत्ते
तेज सिर दर्द
पीठ दर्द
आंखों में दर्द
मसूड़ों से खून बहना
नाक से खून बहना
जोड़ों में दर्द
उल्टी
डायरिया

जिले में डेंगू की स्थिति

वर्ष        कुल केस
2017      147
2018      331
2019    1618
2020      292
2021      687
2022      896
2023           8 (जनवरी 2023 से 15 मई तक)

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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