लखनऊ। नवयुग कन्या महाविद्यालय (Navyug Kanya Mahavidyalaya) के अंग्रेज़ी विभाग (English Department) द्वारा 14 अप्रैल को 20वीं सदी के नाटक और कथा साहित्य में मानवीय अनुभवों की खोज (Exploring Human Experiences in 20th Century Drama and Fiction) विषय पर एक ऑनलाइन संगोष्ठी (Online Seminar) का आयोजन किया गया। इस शैक्षणिक आयोजन में आधुनिक साहित्य में मानव जीवन (Human Life) के विभिन्न पहलुओं की अभिव्यक्ति पर चर्चा की गई।
मुख्य वक्ता के रूप में प्रो अनीता सिंह (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) ने नाटक के माध्यम से 20वीं शताब्दी में मानव अनुभव की अभिव्यक्ति पर व्याख्यान दिया। उन्होंने जीबी शॉ, हेनरिक इब्सन, यूजीन ओ’नील और जॉन ऑसबोर्न जैसे नाटककारों के कार्यों का विश्लेषण करते हुए बताया कि कैसे इन लेखकों ने अस्तित्ववाद, आत्म-असंतोष और सामाजिक अलगाव जैसे विषयों को नाटकीय रूप में प्रस्तुत किया।
दूसरी वक्ता प्रो निशि पांडे (लखनऊ विश्वविद्यालय) ने 20वीं शताब्दी के उपन्यासों के माध्यम से मानव अनुभव को विश्लेषित किया। उन्होंने वर्जीनिया वुल्फ, जेम्स जॉयस और ग्राहम ग्रीन जैसे उपन्यासकारों के कार्यों को उदाहरणस्वरूप प्रस्तुत किया और बताया कि इन लेखकों ने मानव मन की जटिलताओं, युद्ध के प्रभाव, और आधुनिक जीवन की विडंबनाओं को किस तरह चित्रित किया।
संगोष्ठी में महाविद्यालय के शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। तमिलनाडु, सीतापुर, हरदोई, नेशनल कालेज, गुरुनानक कालेज के शिक्षक, छात्रों की उपस्थिति रही l प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने वक्ताओं से गहन प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर उन्होंने विस्तारपूर्वक दिया।
कार्यक्रम का समापन महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस सेमीनार का आयोजन विभागाध्यक्ष के मार्गदर्शन मे प्रोफेसर सीमा सरकार द्वारा किया गया और नेहा पांडेय द्वारा तकनीकी सहयोग किया गया। यह सेमीनार न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से समृद्ध रही, बल्कि विद्यार्थियों के लिए भी यह एक प्रेरणादायक अनुभव रहा।