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NCLAT ने साइरस मिस्‍त्री को फ‍िर से बहाल किया टाटा ग्रुप का चेयरमैन, 3 साल बाद पद पर हुए बहाल

राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण ने साइरस मिस्‍त्री को टाटा संस का कार्यकारी चेयरमैन बहाल करने का आदेश दिया। अपीलीय न्यायाधिकरण ने एन चंद्रशेखरन की कार्यकारी चेयरमैन पद पर नियुक्ति को भी अवैध ठहराया है। हालांकि न्यायाधिकरण ने कहा कि बहाली आदेश चार सप्ताह बाद अमल में आएगा। टाटा संस को अपील करने के लिए यह समय दिया गया है। राष्‍ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्‍यायाधिकरण ने उस याचिका पर साइरस मिस्‍त्री के पक्ष में फैसला सुनाया है, जिसमें टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने को चुनौती दी गई थी।

एनसीएलएटी ने एन चंद्रशेखरन को कार्यकारी चेयरमैन बनाने के प्रबंधन के निर्णय को भी अवैध ठहराया है। NCALT ने टाटा सन्स के चेयरमैन पद से साइ‍रस मिस्त्री के हटाने को अवैध ठहरा दिया है और उन्हें इस पद पर फिर से बहाल करने का आदेश दिया है।

रतन टाटा कैम्प और कंपनी बोर्ड ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाकर साइरस मिस्त्री को बाहर कर दिया था। टाटा सन्स के बोर्ड ने 24 अक्टूबर, 2016 को साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था। इसके साथ ही उन्होंने साइरस को ग्रुप की अन्य कंपनियों से भी बाहर निकलने के लिए कहा था। इसके बाद साइरस ने ग्रुप की 6 कंपनियों के बोर्ड से अपना इस्तीफा दिया। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने टाटा सन्स और रतन टाटा को एनसीएलटी में घसीटा।

शापूरजी पलोनजी ग्रुप की दो कंपनी साइरस इन्वेस्टमेंट और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने टाटा ट्रस्ट और टाटा सन्स के निदेशकों के ख‍िलाफ याचिका दाखिल की थी। इनमें टाटा सन्स पर अनियम‍ितता बरतने का आरोप लगाया गया है। इसमें आरोप लगाया था कि टाटा संस के निदेशकों ने आर्ट‍िकल ऑफ एसोसिएशन और प्रबंधन व नैतिक मूल्यों का उल्लंघन किया।

याच‍िका में आरोप लगाया गया था कि मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाने का काम ग्रुप के कुछ प्रमोटर्स ने किया। उनका इस्तीफा इनके उत्पीड़न की वजह से था। याचिका के दूसरे हिस्से में आरोप लगाया गया है कि ग्रुप और रतन टाटा के अव्यवस्थ‍ित प्रबंधन की वजह से ग्रुप को आय का काफी ज्यादा नुकसान हुआ। हालां‍क‍ि टाटा ग्रुप ने इन सभी आरोपों को खारिज किया।

ग्रुप ने कहा कि साइरस मिस्त्री को इसलिए निकाला गया क्योंकि बोर्ड उनके प्रति विश्वास खो चुका था। ग्रुप ने आरोप लगाया था कि मिस्त्री ने जानबूझकर और कंपनी को नुकसान पहुंचाने की नीयत से संवेदनशील जानकारी लीक की। इसकी वजह से ग्रुप की मार्केट वैल्यू में बड़ा नुकसान हुआ।

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