लखनऊ। नागिरकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देश के कई राज्यों समेत विश्विद्यालयों में लगातार प्रदर्शन जारी है। इसी कड़ी में सीएए और एनआरसी के विरोध में बुधवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी भी प्रदर्शन कर रही है। इस प्रदर्शन में पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव भी मौजूद हैं। जिसमें प्रसपा के कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर सीएए और एनआरसीके खिलाफ विरोध जता रहें हैं। बताया जा रहा है कि उपवास दिवस के रूप में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। एनआरसी और सीएए के विरोध में पूरे प्रदेश से सभी कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय पहुंचे।
जिला पुलिस के साथ पीएसी
बता दें कि पुलिस ने पार्टी कार्यालय के बाहर डेरा डाला हुआ है। जिला पुलिस के साथ पीएसी की टुकड़ी भी कार्यालय के बाहर तैनात है। पार्टी मुख्यालय पर पार्टी प्रमुख शिवपाल यादव भी पहुंच चुके हैं। माल एवेन्यू स्तिथ प्रसपा पार्टी कार्यालय के बाहर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात हैं, जोकि हालात को काबू करने की कोशिश में जुटी हुई है।
लखनऊ नागिरकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देश के कई राज्यों समेत विश्विद्यालयों में लगातार प्रदर्शन जारी है। इसी कड़ी में सीएए और एनआरसी के विरोध में बुधवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी भी प्रदर्शन कर रही है। इस प्रदर्शन में पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव भी मौजूद हैं। जिसमें प्रसपा के कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध जता रहें हैं।
बताया जा रहा है कि उपवास दिवस के रूप में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। एनआरसी और सीएए के विरोध में पूरे प्रदेश से सभी कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय पहुंचे।
बता दें कि पुलिस ने पार्टी कार्यालय के बाहर डेरा डाला हुआ है। जिला पुलिस के साथ पीएसी की टुकड़ी भी कार्यालय के बाहर तैनात है। पार्टी मुख्यालय पर पार्टी प्रमुख शिवपाल यादव भी पहुंच चुके हैं। माल एवेन्यू स्तिथ प्रसपा पार्टी कार्यालय के बाहर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात हैं, जोकि हालात को काबू करने की कोशिश में जुटी हुई है।
इस बीच शिव पाल यादव ने बयान दिया कि जो नागरिकता संशोधन अधिनियम पास हुआ है उसके खिलाफ अब विरोध नहीं, बल्कि विद्रोह है। पूरे देश में छात्रों और नौजवानों की आवाज को अब रोका नहीं जा सकता। जो इस सरकार ने संविधान को तोड़ने का काम किया है, इसके चलते हम लोगों ने संविधान बचाओ देश बचाओ चलते उपवास पर है। पूरे देश में कानून व्यवस्था पूरी तरीके से चैपट है और पूरे देश में इसका विद्रोह है। नौजवान और छात्रों समेत जनता की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है।