विश्व मुक्केबाजी की सबसे सफल महिला खिलाड़ी एमसी मैरी कॉम को देश के लिए एक और अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा. 6 बार की वर्ल्ड चैम्पियन मैरी कॉम को अगले ओलंपिक क्वालिफायर के लिए ट्रायल से गुजरना होगा. 2012 ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली मैरी कॉम के 2020 ओलंपिक में क्वालिफिकेशन को लेकर भारतीय मुक्केबाजी संघ अपने ही बात से पलट गई.
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल इस साल अक्टूबर में मैरी कॉम ने रूस में हुए महिला बॉक्सिंग विश्व चैम्पियनशिप के 51 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता था. इस जीत के तुरंत बाद बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा था कि मैरीकॉम सीधा ओलंपिक क्वालिफायर के लिए जाएंगी. हालांकि कुछ दिन पहले ही बीएफआई यानी कि भारतीय मुक्केबाजी संघ ने लिखित रूप से ये एलान किया था कि विश्व बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड या सिल्वर जीतने वाले भारतीय मुक्केबाज को ओलंपिक क्वालिफायर में सीधे एंट्री मिलेगी. बाकियों को ट्रायल से गुजरना होगा. यानी कि अजय सिंह का एलान बीएफआई के खुद के बयान से अलग था. ऐसे में हंगामा होना तय था और विरोध भी. 51 किलोग्राम वर्ग में ही भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन और पिंकी रानी ने अजय सिंह के बयान का विरोध किया.
काफी छीछालेदर होने के बाद आखिरकार बीएफआई ने अब नया बयान जारी किया है. जिसके मुताबिक मैरी कॉम को भी ट्रायल से गुजरना होगा. बीएफआई के बयान में कहा- ‘ विश्व चैंपियनशिप-2019 में स्वर्ण या रजत पदक जीतने वाली खिलाड़ी को चीन में होने वाले ओलिंपिक क्वॉलिफायर में सीधे प्रवेश मिलेगा. जिस वेट ग्रुप में विश्व चैंपियनशिप में भारत का कोई भी मुक्केबाज फाइनल में नहीं पहुंच सका था, उसके लिए ट्रायल्स होंगे, जिनमें चार मुक्केबाज हिस्सा लेंगी.’
भारतीय मुक्केबाजी संघ के इस बयान का साफ मतलब है कि मैरी कॉम को ओलंपिक क्वालिफायर का टिकट तब ही मिलेगा जब वो ट्रायल में दूसरे मुक्केबाजों को हराएंगी.
कौन होंगी 4 मुक्केबाज?
ट्रायल्स में दावेदारी पेश करने वाली चार मुक्केबाज कौन होंगी, इसके फैसले के लिए बीएफआई ने नियम बताए हैं. बीएफआई के बयान के मुताबिक- ‘एआईबीए विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने वाली, नैशनल चैंपियनशिप में स्वर्ण और रजत पदक जीतने वाली और प्रशिक्षकों और चयन समिति द्वारा चुनी गई शीर्ष मुक्केबाज ट्रायल्स में हिस्सा लेंगी.’
सभी पांचों वर्ग की ट्रायल्स में चौथा खिलाड़ी कौन होगा उसके लिए चयन समिति 21 दिसंबर को होने वाले बैठक में फैसला लेगी. ट्रायल्स का आयोजन 27-28 दिसंबर को किया जाएगा. बयान के मुताबिक, कैम्प में हिस्सा ले रहे खिलाड़ियों की सिंतबर तक की रैंकिंग और उनके टूर्नामेंट्स को भी चयन के समय ध्यान में रखा जाएगा.
निकहत जरीन से मैरी कॉम की टक्कर
मैरी कॉम ने हाल ही में अपनी वेट कैटेगरी बदली है. पहले वो 46 और 48 किलोवर्ग में लड़ती थी लेकिन ओलंपिक एसोसिएशन ने महिला बॉक्सिंग में वेट कैटेगरी सिर्फ तीन हिस्सों में बांट दिया. जिसके बाद मैरी कॉम 51 किलो भारवर्ग में शिफ्ट कर गईं. उन्होंने रूस में महिला विश्व बॉक्सिंग चैम्पियनशिप भी इसी भारवर्ग में लड़ा और यहीं से विवाद भी शुरू हो गया. दरअसल 51 किलोवर्ग में पहले से ही भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन और पिंकी रानी अपनी दावेदारी पेश कर रही थीं. मैरी कॉम के आने के बाद से मुकाबला और कड़ा हो गया. निकहत जरीन साल 2019 में एशियन चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं और पहले भी मैरी कॉम को सीधे फाइट की चुनौती दे चुकी हैं.
हाल ही में बिग बाउट बॉक्सिंग लीग में निकहत और मैरी कॉम का आमना-सामना होना था लेकिन ऐन मौके पर मैरी कॉम ने खराब फिटनेस की वजह से टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया और ये मुकाबला होते होते रह गया. मैरी कॉम के टूर्नामेंट से बाहर होने पर निकहत ने निराशा जाहिर की. जरीन ने बताया कि वो सिर्फ इसलिए इस लीग में खेलने उतरी थी कि 6 बार की विश्च चैंपियन से उनका मुकाबला पूरी दुनिया को देखने को मिलेगा. वह इस लीग के जरिए सभी को दिखाना चाहती थी कि अगर उन्होंने मैरी कॉम को चुनौती दी है तो उनमें भी कुछ बात है. बहरहाल मैरी कॉम और निकहत जरीन के बीच ये मुकाबला ओलंपिंक क्वालिफायर के लिए होने वाले ट्रायल के दौरान हो सकता है.