एनडीए NDA गठबंधन में एक बार फिर विरोध के सुर गूंजने लगे हैं। बीजेपी और शिवसेना के बीच लंबे समय से चल रही खींचातनी आखिर खुलकर सामने आ गई है। आज शिवसेना ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एक बड़ा फैसला लिया है। उसने बीजेपी से दोस्ती तोड़ने का ऐलान करते हुए इसकी वजह भी बताई है। साथ ही 2019 में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की भी बात कही है। यहां पढ़ें पूरा मामला…
काफी समय से तल्खी की खबरें
NDA गठबंधन में एक साथ रहने वाली बीजेपी और शिवसेना के बीच काफी समय से तल्खी की खबरें आ रही थीं। शिवसेना पिछले लंबे समय से केंद्र सरकार को कई बड़े मुद्दों पर घेरती आ रही है। नोटबंदी, जीएसटी जैसे कई मामलो में शिवसेना विरोध में दिखी। हालांकि आज शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में स्थितियां पूरी तरह से साफ हो गई है।
- शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को एक खास पद की जिम्मेदारी की गई है।
- आदित्य को नैशनल एक्जीक्यूटिव का सदस्य बनाया गया है।
- शिवसेना ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एनडीए गठबंधन से अलग होने का ऐलान किया है।
- यह भी साफ कर दिया कि यह विधानसभा चुनाव के अलावा 2019 का लोकसभा चुनाव भी अकेले लड़ेगी।
- हालांकि अभी भी महाराष्ट्र सरकार के साथ गठबंधन बरकरार है।
- शिवसेना का कहना है कि उसने गठबंधन बनाए रखने के लिए हमेशा ही समझौता किया है ।
- लेकिन भाजपा ने उसे नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
- इसलिए अब शिवसेना ने फैसला किया है कि गरिमा के साथ चल सकेगी।
शिवसेना ने सर्वसम्मति से
- एनडीए से अलग होने के लिए शिवसेना ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पास कराया है।
- बतादें कि शिवसेना के इस फैसले को राजनीति के क्षेत्र में एक बड़े भूचाल के रूप में देखा जा रहा है।
- बता दें कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की सरकार है।
- यहां 39 सदस्यीय मंत्रिमंडल में शिवसेना के करीब 12 मंत्री हैं।
- खास बात तो यह हैं कि इनमें पांच कैबिनेट स्तर के मंत्री हैं।
- वहीं केंद्र में एनडीए सरकार में शिवसेना के एक मंत्री अनंत गीते हैं।
- रायगढ़ से सांसद अनंत गीते केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री का पद संभाल रहे हैं।