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कभी ना करें इनका अपमान, हर व्यक्ति के होते हैं ये 5 माता-पिता: चाणक्य नीति

हमारे व्यक्तित्व के विकास में कई लोगों का सहयोग होता है। ऐसे में उन लोगों से चाहे कितने भी मनमुटाव क्यों न हो जाए लेकिन आपको इन लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए। चाणक्य नीति के अनुसार हर व्यक्ति के पांच माता-पिता होते हैं, जिनका हमेशा सम्मान करना चाहिए-

जन्म देने वाली माता-
जिस माता ने आपको 9 महीने पेट में रखा है, उसका कर्ज आप कभी नहीं चुका सकते इसलिए कभी भी उस माता का स्थान कोई नहीं ले सकता।

गुरू की पत्नी-
गुरू की पत्नी को हमेशा माता तुल्य मानना चाहिए क्योंकि गुरू पिता तुल्य होता है। गुरू की पत्नी पर कभी भी कुदृष्टि नहीं रखनी चाहिए।

पत्नी की माता-
अधिकतर विवाहित पुरूष पत्नी की माता को उचित सम्मान नहीं देते लेकिन आचार्य चाणक्य इसे गलत मानते हैं, उनका कहना पत्नी की माता हर पति की माता होती है।

राजा की पत्नी-
जिस राज्य में आप रह रहे हैं वहां के राजा की पत्नी को माता-सा सम्मान देना चाहिए। आचार्य चाणक्य के अनुसार राजा के लिए प्रजा संतान की तरह है इसलिए राजा की पत्नी भी माता समान है।

पालने-पोषण करने वाली महिला-
माता के अतिरिक्त हर व्यक्ति के जीवन में ऐसी महिला होती है जो उसका पालन पोषण करती है। ऐसी स्त्री भी माता समान है।

विशेष- यह लेख पाठकों की रुचि के अनुसार लिखा गया है। हम इसकी सटीकता की पुष्टि नहींं करते और न ही हमारा लक्ष्य किसी की भावनाओं को आहत करने का है।

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