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न्यू अर्बन इंडिया में न्यू यूपी

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

न्यू इंडिया का रोडमैम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनाया था। इसमें समग्र विकास की योजनाओं का समावेश था। इसमें आत्मनिर्भर भारत की भी संकल्पना है। इस दिशा में कार्य प्रगति पर है। सैकड़ों की संख्या में विकास व कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन चल रहा है। इसके दृष्टिगत अनेक स्तरों पर प्रयास शुरू किए गए। नरेन्द्र मोदी ने लखनऊ में केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय और नगर विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय राष्ट्रीय न्यू अरबन इंडिया कान्क्लेव का शुभारंभ किया।

उन्होंने करीब चार हजार आठ सौ करोड़ रुपये की पचहत्तर परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। देश आजादी के पचहत्तरवें वर्ष में अमृत महोत्सव मना रहा है। उत्तर प्रदेश में पचहत्तर जनपद है। ऐसे में पचहत्तर योजनाओं का शुभारंभ सुखद संयोग है। योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार की प्रेरणा से विकास के अनेक कीर्तिमान स्थापित किये हैं। स्वच्छता,शौचालय निर्माण,प्रधानमंत्री निर्धन आवास निर्माण सहित बयालीस योजनाओं में उत्तर प्रदेश नम्बर वन पर है। इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में बढ़ रहे है। नरेंद्र मोदी ने भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने का विश्वास व्यक्त किया था।

उनका कहना था कि देश को अगले पांच वर्षों में पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था तक पहुंचाया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने इसी के तहत उत्तर प्रदेश के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। भारत में संघीय शासन व्यवस्था है। प्रदेशों के सहयोग के बिना भारत को आर्थिक महाशक्ति नहीं बनाया जा सकता। इसलिए योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को देश की आर्थिक विकास यात्रा का सबसे बड़ा सहयोगी बनाने का मंसूबा व्यक्त किया। कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाया जाएगा।

योगी आदित्यनाथ को अपने इस मंसूबे की सफलता का पूरा विश्वास है। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की पांच शीर्ष अर्थव्यवस्था में शामिल हो गया है। अब उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है,यह केवल केंद्र सरकार का कर्तव्य नहीं है। इसमें उत्तर प्रदेश प्रमुख योगदान देगा। देश का प्रत्येक पांचवां व्यक्ति उत्तर प्रदेश का है। ऐसे में उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक ले जाना हमारा कर्तव्य है।

यह लक्ष्य उत्तर प्रदेश में मौजूद संसाधनों के माध्यम से ही हासिल किया जा सकता है। इस विशाल प्रदेश में  जितनी कृषि भूमि और जल संसाधन है, उसके सुनियोजित उपयोग से ही प्रदेश की स्थिति बदल सकती है। उत्तर प्रदेश की जमीन उर्वरा है। मृदा परीक्षण और वैज्ञानिक कृषि के द्वारा यह प्रदेश पूरी दुनिया का पेट भर सकता है।

इसी के साथ योगी सरकार प्रदेश के औद्योगिक विकास की दिशा में भी तेजी से कार्य कर रही है। इंवेस्टर्स समिट में आये करीब साठ करोड़ रुपये के प्रस्तावों का शिलान्यास भी हो चुका है। सर्वांगीण विकास के बल पर उत्तर प्रदेश न्यू इंडिया के निर्माण में सबसे बड़ा योगदान करेगा। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने भी कहा था कि पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। लेकिन केवल सरकार ही इस कार्य को नहीं कर सकती। इसमें निजी क्षेत्र को भूमिका निभानी होगी।

सरकार ने सभी के सहयोग का मार्ग प्रशस्त किया है। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में भी बड़े बदलाव की किये जा रहे है। कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाया जा रहा है। तीन कृषि कानूनों से किसानों को लाभ मिलने लगा है। योगी आदित्यनाथ पद ग्रहण करने के तत्काल बाद से उत्तर प्रदेश को विकसित बनाने के काम में लगे हैं। इसके तहत उन्होंने कृषि और निवेश पर विशेष जोर दिया। इसमें उन्हें अभूतपूर्व सफलता भी मिली है। साठ हजार करोड़ रुपये से अधिक की लगभग दो सौ पन्द्रह परियोजनाओं का शिलान्यास पहले हो चुका है। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री,बैंकर्स सेशन, पावर एण्ड रिन्यूवल एनर्जी,टूरिज्म एण्ड फिल्म,इलेक्ट्रिक मोबिलिटी,आई टी एण्ड आईटीईएस,अरबन इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड स्मार्ट सिटी,डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस तथा फार्मा इंडस्ट्री आदि पर फोकस किया गया। इन सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है। लाजेस्टिक एण्ड वेयरहाउसिंग तथा स्टार्ट अप पर भी कार्य चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते रहे हैं कि केन्द्रीय बजट में अपने विभाग से सम्बन्धित योजना की कार्य योजना पन्द्रह दिन में केन्द्र सरकार को प्रेषित करें। राज्य के विकास के लिए हर विभाग को अपने स्तर से पहल करनी होगी। कार्य योजना बनाकर केन्द्र सरकार को प्रेषित कर दी जाए। केन्द्र सरकार की अनेक योजनाएं पहले प्रस्ताव भेजने वाले राज्यों को प्राप्त होती हैं। इसलिए प्रत्येक विभाग द्वारा कार्य योजना प्रेषित कर पैरवी की जाए।योजना की पैरवी के लिए अधिकारी स्वयं अथवा विभागीय मंत्रियों के साथ केन्द्रीय अधिकारियों से सम्पर्क कर प्रदेश की आबादी के अनुरूप बजट प्राप्त करने का प्रयास करते है। योगी आदित्यनाथ ने नौकरशाही की कार्य पद्धति में यह बड़ा बदलाव किया है। राज्य की अर्थव्यवस्था की वृद्धि की वर्तमान दर के हिसाब से यह अगले कुछ वर्षों में एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचेगी।

उत्तर प्रदेश में विकास की अप्रतिम सम्भावनाएं हैं। इन सम्भावनाओं को साकार करने में विभागीय और नोडल अधिकारियों को अपनी भूमिका निभाने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था। इसके अलावा प्रत्येक विभाग को इस कार्य में योगदान सुनिश्चित किया गया। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में रियल इस्टेट,परिवहन, वित्तीय सेवाओं,कृषि, खनन,पर्यटन आदि क्षेत्रों की भागीदारी तय की गई। विभागों द्वारा प्रदेश के आम जन के जीवन स्तर में सकारात्मक परिवर्तन तथा राज्य की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के कार्यों को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ और अयोध्या में दीपोत्सव कार्यक्रम के सफल आयोजन,ब्रज विकास परिषद के गठन के पश्चात मथुरा वृन्दावन क्षेत्र के विकास की ठोस कार्य योजना से राज्य में पर्यटन के प्रति नजरिए में सकारात्मक परिवर्तन आया है। वर्तमान राज्य सरकार में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर होने से राज्य में निवेश की सम्भावना बढ़ी है। प्रदेश में निवेश के लिए हर विभाग अपने स्तर से भूमिका निभा सकता है। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को ठोस कार्य योजना के माध्यम से पहल कर रहे है। हर जनपद का अपना एक विशिष्ट उत्पाद है।

कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसानों को अच्छे बीज और तकनीक उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। राज्य में सृजित हो रही बुनियादी ढांचागत सुविधाओं जैसे पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे,गंगा एक्सप्रेस-वे,जेवर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, उड़ान योजना के तहत हवाई अड्डों का विकास, फ्रंट काॅरिडोर आदि से विकास को गति मिल रही है। जनपद के विशिष्ट उत्पादों सहित कृषि उत्पादों की मार्केटिंग,एक्सपोर्ट आदि में इन सुविधाओं का उपयोग किया जा रहा है। इस प्रकार योगी आदित्यनाथ ने न्यू इंडिया के मंसूबे में उत्तर प्रदेश के योगदान को सुनिश्चित किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश के माहौल को सुधारने की प्रतिबद्धता दिखाई थी। उनका कहना था कि यह उनकी प्राथमिकता है,क्योकि बेहतर माहौल में ही विकास व निवेश की संभावना बनती है। इसके दृष्टिगत उन्होंने अनेक प्रभावी कदम उठाए। व्यवस्था में बदलाव किया गया। इससे विकास कार्यो का क्रियान्वयन तेज हुआ। साथ ही निवेशक भी उत्तर प्रदेश की तरफ आकर्षित होने लगे। अभूतपूर्व इन्वेस्टर समिट व उसके प्रस्तावों का शिलान्यास इसका प्रमाण है।

राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में औद्योगिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पारदर्शी और व्यवस्थित नीतियां बनायी गयी हैं। जिससे निवेशकों को निवेश में कोई समस्या ना हो। प्रदेश सरकार द्वारा निवेशपरक और रोजगारपरक उद्यमों की स्थापना के साथ ही, अधिक से अधिक फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट एफडीआई आकर्षित करने के प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार के निरन्तर प्रयासों से राज्य निवेशकों और उद्यमियों के लिए आकर्षक गंतव्य के रूप में सामने आया है। प्रदेश का नोएडा, ग्रेटर नोएडा,यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी का क्षेत्र देश में निवेश का सर्वाधिक सम्भावना वाला क्षेत्र है। यहां पर निवेश के प्रस्ताव लगातार प्राप्त हो रहे हैं। नोएडा में डेटा सेण्टर पार्क तथा देश की सबसे बड़ी डिस्प्ले यूनिट की स्थापना का कार्य तेजी से हो रहा है। जेवर में नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना तथा यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण में फिल्म सिटी का विकास किया जा रहा है। कुछ समय पहले मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर नोएडा प्राधिकरण तथा मेसर्स इंगका सेण्टर्स इण्डिया आइकिया के मध्य भूमि हस्तांतरण लीज़ डीड विनिमय कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित किया था।

तब उन्होंने कहा था कि आइकिया एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है,जो महिला सशक्तीकरण, बाल विकास सहित सामाजिक योजनाओं के क्षेत्र में कार्य कर रही है। इस संस्था द्वारा नोएडा में पचपन सौ करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है। आइकिया द्वारा जनसामान्य के लिए शॉपिंग मॉल, होटल,ऑफिस,रिटेल आउटलेट आदि निर्माण कार्य कराए जाएंगे।

इस निवेश से लगभग दो हजार प्रत्यक्ष रोजगार तथा बीस हजार से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यह भी संभावना है कि आइकिया द्वारा नोएडा सहित राज्य के अन्य शहरों में भी निवेश किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने बताया कि वैश्विक महामारी के दौर में भी प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश के प्रस्ताव आए। उत्तर प्रदेश एक नया और आधुनिक स्वरूप ले रहा है। राज्य में बड़ी संख्या में देशी विदेशी कम्पनियां निवेश के लिए उत्सुक हैं। राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई नीतियों तथा बनाए गए वातावरण से यह सम्भव हो रहा है। उत्तर प्रदेश ने दुनियाभर के उद्यमियों को आगे बढ़ने का अवसर उपलब्ध कराया है।

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