लखनऊ। दामिनी की याद में 16 से 29 दिसंबर के बीच महिला के सम्मान और सुरक्षा को लेकर रेड ब्रिगेड लखनऊ ने अभियान चलाया। जिसका उद्देश्य रुढ़िवादी सोच पर चोट करना है। दामिनी जैसी घटना को मात देने के उद्देश्य से रेड ब्रिगेड हर वर्ष महिला सुरक्षा और जागरूकता को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। इसी 16 दिसंबर 2017 को शायं 6 बजे एक मशाल यात्रा का 1090 से सिकन्दर बाग़ चौराहा तक आयोजन किया गया।जिसमें महिलाओं और लड़कियों को सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग देने के लिए जागरूक किया गया।
इन घटनाओं के बाद आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से रेड ब्रिगेड की अध्यक्ष ऊषा विश्वकर्मा महिलाओं और लड़कियों को सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग देने के साथ मनचलों से कैसे निपटा जाये इसके बारे पूरे शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में भी जोश और जज्बा भरा। दामिनी की याद में संगठन ने लखनऊ भर में पिछले वर्ष 16 से 29 दिसंबर तक 200 किमी तक पैदल यात्रा की थी। ऊषा ने बताया कि 16 दिसंबर 2012 की रात पांच दरिंदों ने 23 वर्षीय निर्भया के साथ क्रूरतम तरीके से सामूहिक दुष्कर्म की घटना की अंजाम दिया गया था। निर्भया ने मौत से 13 दिन तक जूझते हुए इलाज के दौरान सिंगापुर में दम तोड़ा था। इस भयानक हादसे के बाद राजधानी को ‘दुष्कर्म की राजधानी’ की संज्ञा दी जाने लगी। क्या महिलाओं के लिए दिल्ली अब सुरक्षित है? आपराधिक आंकड़ों में तो इसकी पुष्टि होती नहीं दिखती। उन्होंने कहा कि दामिनी की याद में हमारा संगठन हर साल कार्यक्रम करता है। वह लगातार लड़कियों को छेड़छाड़ से निपटने के लिए आत्म निर्भर बना रहीं हैं। मशाल यात्रा में टीम रेड ब्रिगेड लखनऊ की 40 से 50 लड़कियों के साथ 1090 के बबिता सिंह, और राखी किशोर तथा अंजुमन जैदी ने भी कदम से कदम मिलाया।