औरैया। फाइलेरिया के उन्मूलन के लिए जिले में फिर से अभियान चलाया जाएगा। प्रदेश के आठ जिलों में 21 दिसंबर से यह अभियान एक साथ होगा,जिसमें औरैया का नाम भी शामिल है। डीएम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की रणनीति बनाई। इस रणनीति में यह तय किया गया है कि किसी भी संबंधित को हर हाल में दवाइयां दी जाएं।
प्रदेश सरकार ने फाइलेरिया (हाथी पांव) के उन्मूलन के लिए आठ जनपदों औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, गाजीपुर, कन्नौज, कौशांबी, रायबरेली व सुल्तानपुर का चयन किया है। इन जिलों में 21 दिसंबर से आठ जनवरी तक अभियान चलाया जाएगा, जिसमें फाइलेरिया की दवा एमडीए लोगों को खिलाई जाएगी। इस बार भी पिछले साल की तरह अपने सामने ही खिलाई जाएगी।
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की तथा कार्यक्रम की रणनीति बनाई। सीएमओ डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद की हर सीएचसी में टीमों का गठन कर सामने ही दवा खिलाई जाएगी। रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड एनटीपीसी एवं गेल समेत सभी सार्वजनिक स्थलों व संस्थाओं पर अभियान चलाकर दवा खिलाई जाएगी। इसके अलावा एमडीए का घर-घर वितरण कराया जाएगा। वहां भी एएनएम व आशा अपने सामने ही लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाएंगीं। इसमें किसी प्रकार की कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एसडीएम और बीडीओ के साथ हो ब्लॉक स्तर पर बैठक
जिलाधिकारी ने सीएमएस को ब्लॉक लेवल पर एसडीएम व बीडीओ की उपस्थिति में बैठक करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि इस अभियान में कार्यरत कर्मियों को भी यह दवा दी जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि आशाओं के द्वारा परिवारों का सर्वे बगैर किसी लापरवाही के किया जाये। सर्वे तय समय के अंदर होना चाहिए एवं जनपद में औषधियां प्राप्त होते ही ब्लॉक स्तर पर दवाएं उपलब्ध करा दी जाएं। जल्द से जल्द ब्लॉक स्तर पर भी रैपिड रिस्पांस टीम का गठन कर लिया जाए। सभी टीमों के पास आवश्यक लाइफ सेविंग ड्रग्स एवं एंबुलेंस की व्यवस्था अवश्य होनी चाहिए। आशा आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं अन्य ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर को बेहतर से बेहतर प्रशिक्षण दिया जाए जिससे कि इस अभियान को अधिक से अधिक सफल बनाया जा सके।
अभियान का व्यापक प्रचार
डीएम ने निर्देश दिये कि इस अभियान के बारे में जनपद स्तर, ब्लॉक स्तर एवं ग्राम स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए जिससे कि लोग इस अभियान से डरे नहीं बल्कि आगे आकर यह दवा खाएं। जिन लोगों को ये दवा खिलाई जाए उन्हें इस दवा के बारे में पूर्ण जानकारी दी जाए एवं दवा अपने सामने ही खिलाई जाए और इससे होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में उसे पहले ही जानकारी दे दी जाये जिससे कि वह किसी भी प्रकार के भ्रम की स्थिति में ना रहे। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान द्वारा अपने ग्रामों में सर्वप्रथम दवा का सेवन कर ग्राम वासियों को दवा सेवन हेतु प्रोत्साहित किया जाए। जनप्रतिनिधि एवं प्रभावशाली व्यक्तियों का सहयोग लेते हुए दवा ना खाने वाले परिवारों को दवा खाने हेतु प्रेरित किया जाए। उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि वह विद्यालयों में इस कार्यक्रम का प्रचार प्रसार कराएं एवं शत प्रतिशत बच्चों को दवा खिलवाई जाए।
आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्री को 250 और सुपर वाइजर को मिलेंगे 300 रूपये
इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डिप्टी सीएमओ डॉ शिशिर पुरी ने बताया कि यह अभियान आगामी 21 दिसंबर से 8 जनवरी तक चलाया जाना है। इस कार्यक्रम के दौरान आशा व आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा प्रतिदिन 25 घरों में जाकर फाइलेरिया की दवा एल्बेंडाजोल एवं डीईसी निशुल्क खिलाई जायेगी। इसके लिए प्रत्येक टीम को प्रतिदिन 250 रूपये प्रतिदिन की दर से दिया जाएगा। प्रत्येक 6 टीमों पर पर एक सुपरवाइजर की नियुक्ति की गई है जिसको प्रतिदिन 300 रूपये दिया जाएगा। फाइलेरिया से बचाव के लिए दो तरह की दवाई खिलाई जाएगी। अल्बेंडाजोल एवं डीईसी
एल्बेंडाजोल की खुराक
2 वर्ष से अधिक सभी आयु वर्ग के लिए 400 मिलीग्राम की एक गोली (गोली चला कर खाई खाई जाएगी)।
डीईसी की खुराक
2 से 5 वर्ष वर्ष तक – एक गोली 100 मिग्रा
6 से 14 वर्ष तक – दो गोली सौ मिग्रा
15 वर्ष से अधिक – तीन गोली सौ मिग्रा
दवा सेवन से सम्बंधित सावधानी
- खाली पेट दवा ना खाएं।
- दवा खिलाए जाने का समय सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक होगा।
- स्वास्थ कर्मी यह दवा अपने सामने खिलाएंगे।
- 2 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से ग्रसित लोगों को यह दवा न खिलाएं।
फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में निम्न गतिविधियां
5 दिसंबर को ब्लाक स्पर पर होगी ब्लॉक समन्वय समिति की बैठक।
5 से 7 दिसंबर तक ब्लॉक लेवल पर आशा एएनएम एवं अन्य ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का होगा प्रशिक्षण।
15 दिसंबर तक समस्त चिकित्सा अधीक्षक अपने-अपने ब्लॉक की नवीनतम कार्य योजना एवं फाइलेरिया केस की लाइन लिस्ट सीएमओ कार्यालय में उपलब्ध कराएंगे।
8 से 12 दिसंबर तक ब्लॉक लेवल पर आशा के द्वारा परिवारों का सर्वे किया जाएगा।
ब्लॉक स्तर पर चिकित्सा अधीक्षक अपनी रैपिड रिस्पांस टीम का करेंगे गठन जिसमें एक चिकित्सा अधिकारी एक फार्मासिस्ट व एक वार्ड बॉय अवश्य होगा।
दवा के दुष्प्रभाव
डिप्टी सीएमओ डॉ. शिशिर पुरी ने बताया कि सामान्यता इन दवाओं से कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। कुछ व्यक्तियों में बदन दर्द, सिर दर्द, मितली एवं उल्टी हो सकती है। यह क्षणिक दुष्प्रभाव होते हैं जो सामान्य उपचार से एक या दो दिन में ठीक हो जाते हैं। देखा गया है कि जिन व्यक्तियों में फाइलेरिया का परजीवी होता है उन्हें मामूली एवं क्षणिक दुष्प्रभाव हो सकते हैं। फाइलेरिया का उन्मूलन करने हेतु वर्ष में एक बार यह दवा खिलाई जाती है। फाइलेरिया एक प्रकार के कृमि द्वारा होने वाला रोग है यह एक विशेष प्रकार के मच्छर द्वारा फैलती है। फाइलेरिया रोग में व्यक्ति के लटके भागो (हाथ पैर अण्डकोष एवं स्तन) में सूजन आ जाती है।
फाइलेरिया से बचाव का तरीका
- मलेरिया परजीवी का वाहक यानी मच्छरों के लारवा को मारने हेतु बैठक अवैध इत्यादि का छिड़काव किया जाना चाहिए।
- मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए।
- अपने घर के आस-पास गंदे पानी का जमाव नहीं होने देना चाहिए। क्योंकि मच्छर गंदे और प्रदूषित पानी में पैदा होते हैं।
- नालियों की बराबर सफाई करते रहना चाहिए।
- खिड़कियों में मच्छर को कमरे के अंदर दाखिल होने से रोकने हेतु जालियां लगवानी चाहिए।
रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर