रायबरेली। आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना लालगंज स्थित लेवल टू फैसिलिटी सेंटर में कोरोना संक्रमित के निधन के बाद परिवारजन शव को ई-रिक्शा से लेकर चले गए। वीडियो वायरल होने के बाद से अस्पताल प्रबंधन में खलबली है। अस्पताल गेट के निकट पुलिस सुरक्षा होने के बावजूद ई रिक्शा से शव का बिना रोकटोक बाहर निकल जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन परिवारजन द्वारा स्वेच्छा से शव ले जाने की बात कहकर पल्ला झाड़ने में जुटा है।
मंगलवार की सुबह से दोपहर तक पांच कोरोना संक्रमितों की लेवल टू हॉस्पिटल में मौत हो चुकी थी। यहां पर मरने वाले लोगो के अंतिम संस्कार को लेकर प्रशासन द्वारा डलमऊ श्मशान घाट को चिन्हित किया गया है। एलटू अस्पताल में कोरोना संक्रमितो के शव को एंबुलेंस द्वारा घाट तक पहुंचाया जाता है। अस्पताल से श्मशान घाट तक शव ले जाने के लिए महज एक ही शव वाहन लगा होने के चलते घंटों इंतजार करना पड़ता है। कभी-कभी तो स्थितियां होती हैं कि लोगों को 24 घंटे बाद तक स्वजन को शव नहीं मिल पाता। कई बार इस बात को लेकर यहां हंगामा भी हो चुका है। यही कारण है कि कई बार परिवाराजन शव को निजी वाहन से लेकर चले जाते हैं। वायरल वीडियो मंगलवार का है या सोमवार का इस बात की पूरी तरह से अभी पुष्टि नहीं हो सकी है।
इस बाबत जब लेवल टू फैसिलिटी सेंटर प्रभारी डॉ राजीव गौतम से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। कोरोना प्रोटोकाल के तहत शव को एंबुलेंस से ही ले जाना चाहिए, लेकिन कुछ लोग स्वेच्छा से शव को लेकर चले जाते हैं। इसी तरह उक्त शव को भी ले जाया गया। मामले की जांच कराई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि लालगंज रायबरेली मुख्य मार्ग से अस्पताल के अंदर जाने के लिए पहले गेट पर सुरक्षाकर्मियों समेत अस्पताल गेट के मध्य में बैरियर लगाकर पुलिसकर्मी बैठे रहते हैं। ये गंभीर रूप से भर्ती कोरोना संक्रमित के एक ही तीमारदार को अंदर जाने की अनुमति प्रदान करते हैं।पुलिसकर्मियों के वहां मौजूद होने के बावजूद ई रिक्शा से शव कैसे चला गया और शव परिवारजन को कैसे मिल गया, यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है। इतना ही नहीं, कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार प्रशासन की निगरानी में निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत किया जाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा