अगर आप यह सोचते हैं कि सिर्फ कम सोने से आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ता है तो आप गलत हैं। हर दिन 10 घंटे से ज्यादा सोना Sleep भी आपके मेटाबोलिक (उपापचयी) सिंड्रोम से जुड़ा हुआ है। इससे दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
सबसे पहला और सबसे बड़ा प्रश्न तो यही है कि हमें कितनी देर सोना चाहिए? लेकिन इस प्रश्न का उत्तर इतना आसान नहीं है, जितना यह प्रश्न हमारे और आपके जेहन में आता है. हमें कितनी देर सोना चाहिए, इसका निर्धारण कई बातों से होता है.
पुरुषों व महिलाओं दोनों में ज्यादा समय तक सोने से ट्राइग्लिसराड का स्तर ज्यादा बढ़ जाता है। महिलाओं में इसकी वजह से कमर में मोटापा बढ़ जाता है, साथ ही रक्त शर्करा व अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर गिर जाता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इसके विपरीत, छह घंटे से भी कम की नींद पुरुषों में उपापचयी सिंड्रोम के उच्च जोखिम से जुड़ी हुई है।खासतौर पर उम्र का हमारी नींद से गहरा संबंध है. उम्र के अनुसार नींद कम या ज्यादा हो सकती है. नींद हम सबके लिए जरूरी है. इसके साथ ही हमें यह भी समझना होगा कि किस उम्र में कितनी नींद आवश्यक है, ताकि हम स्वस्थ जीवन जी सकें.