• ‘सहयोग एप’ में दर्ज होगा एक-एक आंगनबाड़ी केंद्र का ब्योरा
• बाल विकास परियोजना अधिकारी और मुख्य सेविकाओं को दिया गया प्रशिक्षण
कानपुर नगर। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के कार्यों की निगरानी अब सहयोग एप के माध्यम से होगी। जनपद के एक-एक आंगनबाड़ी केंद्र का इस एप में ब्योरा दर्ज होगा। कहीं से भी एक क्लिक करने पर बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की गतिविधियों का ब्योरा सामने आ जाएगा। सोमवार को बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तत्वावधान में उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (यूपीटीएसयू) की मदद से आशा ज्योति केंद्र में चार दिनों तक चलने वाले इस एप के बारे में प्रशिक्षण की शुरुआत हुई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश प्रताप सिंह ने बताया कि सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के लिए सहयोग एप का क्रियान्वयन शुरू होने वाला है। इस एप को बाल विकास परियोजना अधिकारियों एवं सुपरवाइजर की मदद के लिए विकसित किया गया है। एप सरल, उपयोग में आसान, मोबाइल आधारित यूजर फ्रेंडली है।
इस एप के माध्यम से विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता और कार्यप्रणाली में सुधार के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सहयोग किया जा सकेगा। सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी व मुख्य सेविकाओं को प्रशिक्षण के पहले दिन यूपीटीएसयू के डीएससीओ अंकित शर्मा ने एप से जुड़ी बारीकियों के बारे में जानकारी दी। मौके पर यूनीसेफ के मंडलीय सलाहकार आशीष शुक्ला मौजूद रहे।
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प्रशिक्षण में अंकित ने बताया कि इस एप में एक चेक लिस्ट होगी, उसी के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों से संबंधित सूचनाओं को अपलोड किया जाएगा। केंद्रों की निरीक्षण आख्या, पोषाहार की स्थिति, केंद्रों से जुड़े लाभार्थियों का फीडबैक सहित कई बिंदुओं पर जानकारी देनी होगी। इस एप से आंगनबाड़ी केंद्रों की समस्त जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेगी और कहीं से भी एक क्लिक करने पर जनपद के समस्त केंद्रों में संपादित होने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी मिल सकेगी। इससे व्यवस्थाओं को और चाक-चौबंद किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि एप को सीडीपीओ एवं मुख्य सेविका गूगल प्ले स्टोर पर जाकर डाउनलोड करेंगी। डाउनलोड करने के बाद अपना मोबाइल नंबर डालकर लॉग इन करेंगी। लॉगइन करने के बाद उनके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा, जिसके बाद सहयोग एप का उपयोग शुरू किया जा सकेगा। इस एप पर असाइन कार्यकर्ता, मासिक योजना, जॉब एड, मेरा परफार्मेंस फीडबैक मैकेनिजम, डाटाबेस की सूचना में सुधार, इनबिल्ट चेकलिस्ट जैसे फीचर हैं।
मुख्य सेविकाओं की ओर से एप्लीकेशन से संबंधित कई प्रश्न पूछे गए। इस मौके पर सीडीपीओ और मुख्य सेविका आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर