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क्लीन एयर प्रोग्राम के अंतर्गत कार्यशाला, प्रत्येक शिक्षण संस्थान में बने इको क्लब

   डॉ दिलीप अग्निहोत्री

लखनऊ। क्लीन एयर प्रोग्राम इन्डिया के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण एवं वायु प्रदूषण रोकथाम हेतु जन जागरुकता कार्यशाला का आयोजन पर्यावरण निदेशालय में किया गया.उत्तर प्रदेश जलवायु परिवर्तन प्राधिकरण के तत्वावधान में हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पर्यावरण सचिव आशीष तिवारी ने की.कार्यक्रम में ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर पीयूष और नगर अयुक्त इंद्रजीत सिंह भी उपस्थित थे. कार्यशाला में राजधानी लखनऊ में वायु प्रदूषण की स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया. LMC, UPPCB और अन्य सम्बन्धित विभागों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई. इस दिशा में उल्लेखनीय कार्यों और उपलब्धियों को भी रेखांकित किया गया. कार्यशाला में प्रतिभागियों ने भी समस्या के समाधान हेतु सुझाव दिए. इसके अलावा Public Outreach App जैसे Sameer app,Lucknow one app का Introduction तथा Installation सम्पन्न हुआ. आशीष तिवारी ने कहा कि विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से वायु प्रदूषण पर नियंत्रण हेतु ज़न जागरूकता सम्बन्धी कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है. प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रदूषण नियंत्रण हेतु संचालित कार्यों को दिखाया गया.

शिक्षण संस्थान और बच्चे बनें पर्यावरण जागरूकता के रोल मॉडल बनें. इसके अंतर्गत सर्व प्रथम शिक्षण संस्थानों में कचरा प्रबंधन का उचित तरीका समझना होगा. सूखा और गीला काचरा अलग रहेगा, तो दोनों का उपयोग अनेक कार्यों में हो सकता है. दोनों प्रकार के कूड़े को मिला देने से दोनों ही व्यर्थ हो जाते हैं. इसके बाद विद्यालयों की जमीन पर मिंयावाकी फॉरेस्ट लगाए जा सकते हैं. इसके लिए कुछ वर्ग फिट जगह का भी उपयोग हो सकता है.इसके लिए घरों के लान का भी उपयोग किया जा सकता है.

पर्यावरण विभाग के द्वारा इसके लिए विद्यार्थियों को ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की गई है. लखनऊ में ही प्रतिदिन ढाई करोड़ लीटर पेट्रोल और डीज़ल की खपत होती हैं. पर्यावरण की द्रष्टि से यह स्थिति चिन्ताजनक है. सौर ऊर्जा प्लांट के प्रति भी जागरुकता आवश्यक है.

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प्रत्येक महाविद्यालयों में बने इको क्लब बनने चाहिए. नगर अयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि लखनऊ में अगले एक से दो वर्षों में कचरा ज़ंग जीतने की योजना बनाई गई है. लखनऊ में प्रतिदिन करीब दो हजार टन कुड़ा निकलता है. इसकी उचित प्रबंधन अपरिहार्य है. इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. जल संरक्षण की भी उचित व्यवस्था जरूरी है. ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर पीयूष मोरडिया ने कहा कि अनेक कार्य प्रतिदिन करने होते हैं. इनके लिए एक दिन की जागरूकता पर्याप्त नहीं होती. ऐसे ही कार्यों में पर्यावरण और यातायात जागरूकता है.

प्रत्येक संस्थानों में पहले बीस मिनट नागरिक कर्तव्यों की सीख देने के लिए होने चाहिए. जिससे बच्चों को संस्कार मिले नब्बे प्रतिशत समस्याओं का समाधान जागरुकता से हो सकता है. किसी विभाग या सरकारी मशीनरी पर सब कुछ छोड़ कर निश्चिंत रहना उचित नहीं है. सभी नागरिकों को अपने स्तर से दायित्व का निर्वाह करना होगा. विद्यार्थियों को अपने विद्यालय और आसपास के कुछ इलाकों में जागरुकता के कार्य करने चाहिए.

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