संसद में स्थित कैंटीन की बागडोर उत्तर रेलवे 15 नवम्बर को आईटीडीसी को सौंप देगा. रेलवे 52 वर्षों से सांसदों को भोजन को उपलब्ध करा रहा है और अब कैंटीन को भारत पर्यटन विकास निगम को सौंपे जाने से यह सिलसिला थम जायेगा.
लोकसभा सचिवालय के एक पत्र के माध्यम से उत्तर रेलवे से उस समय तक संसद परिसर से जाने को कहा गया है. रेलवे 1968 से कैंटीन में भोजन उपलब्ध करा रहा था. पत्र में कहा गया है, सक्षम प्राधिकारी चाहता है कि संसद भवन एस्टेट में खानपान इकाइयों का संचालन आईटीडीसी द्वारा 15 नवम्बर, 2020 तक अपने हाथों में ले लिया जाए.
पत्र में कहा गया है कि उत्तर रेलवे इसी के अनुसार लोकसभा सचिवालय द्वारा उपलब्ध कराये गये इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, कंप्यूटर, प्रिंटर इत्यादि आईटीडीसी को सौंप सकता है और फर्नीचर, उपकरण गैजेट्स आदि आईटीडीसी को सौंपने के लिए सीपीडब्ल्यूडी को दे दें.
आईटीडीसी के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखने का निदेज़्श दिया गया है, जो आम लोगों के साथ-साथ गणमान्य व्यक्तियों के लिए उपयुक्त होना चाहिए. एक नया विक्रेता खोजने की प्रक्रिया पिछले साल शुरू हुई थी और इस साल जुलाई में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल और आईटीडीसी के अधिकारियों से मुलाकात की थी.