तनिष्क के प्लांट में 80 किलो धूल व वेस्ट सामग्री को एकत्र कर अत्याधुनिक मशीनों की मदद से हर महीने करीब ढाई किलो सोना निकाला जाता है। काम कर रहे कर्मचारी व अधिकारियों के कपड़े, कारीगरों के हाथ धोने वाले पानी व चप्पल में लगी धूल को एकत्र कर एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) की मदद से सोना निकाला जाता है।
टाइटन इंडस्ट्रीज की ज्वैलरी डिवीजन तनिष्क इस बार दीपावली पर अपने नए प्लांट, आधुनिक मशीनों और आयातित कच्चे माल की बदौलत शुद्ध गहनों की रणनीति लेकर आ रही है। उत्तराखंड में पंतनगर स्थित तनिष्क यूनिट में अमेरिका व जर्मनी से खरीदी गई अत्याधुनिक मशीनों में प्रतिदिन 1,100 चेन, अंगूठी व हार सहित अन्य ज्वैलरी तैयार की जा रही है।
तनिष्क इस कच्चे माल के तौर पर प्रयोग होने वाला जिंक, सिल्वर व कॉपर अमेरिकी बाजारों से खरीदती है। हालांकि, भारत में इसका दाम छह गुना सस्ता है लेकिन कंपनी का दावा है कि ग्राहकों को शुद्धता और क्वालिटी देने के लिए ही बाहर से महंगा माल मंगाया जा रहा है।