शुक्रवार को तुर्कमेनिस्तान में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के बीच मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया की स्थिति को लेकर चर्चा की। यह मुलाकात ऐसे समय हुई जब इस्राइल ईरान के बीच तनाव चरम पर है। एक हफ्ते पहले ही रूस के प्रधानमंत्री ने भी ईरानी राष्ट्रपति पेजेश्कियान और उपराष्ट्रपति रेजा अरेफ से ईरान में मुलाकात की थी।
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दोनों नेताओं की मुलाकात के क्या हैं मायने
सोवियत संघ के समय में ईरान और रूस एक दूसरे के कट्टर आलोचक थे, लेकिन मौजूदा समय की बदली परिस्थितियों में दोनों देश करीब आ गए हैं। दोनों देशों पर लगे पश्चिमी प्रतिबंधों ने दोनों देशों को करीब लाने में अहम भूमिका निभाई है। अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते ईरान को एक ऐसे ताकतवर देश की जरूरत है, जो उन्हें हथियारों की सप्लाई कर सके। वहीं यूक्रेन युद्ध के चलते अलग-थलग पड़े रूस को ईरान के रूप में एक मजबूत सहयोगी मिला है।
सीरिया में भी दोनों देशों के साझा हित हैं और रूस सीरिया की मौजूदा सरकार को सत्ता में बने रहने में मदद कर रहा है। वहीं ईरान की सरकार का भी सीरियाई सरकार को समर्थन है। इस्राइल द्वारा सीरिया पर हमले किए जा रहे हैं। पश्चिमी देश भी सीरिया की मौजूदा सरकार को सत्ता से हटाना चाहते हैं। ऐसे में सीरिया के मुद्दे पर ईरान और रूस एक पेज पर हैं। दोनों देशों के बीच नजदीकी की ये भी एक वजह है।
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इस्राइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। बीते दिनों ईरान द्वारा इस्राइल पर हवाई हमला किया गया था। जिसके बाद इस्राइल ने जवाबी कार्रवाई करने की धमकी दी थी। अमेरिका ने भी इस्राइल का समर्थन करने का एलान किया है। ऐसे में ईरान भी रूस के साथ अपने रिश्तों को मजबूत कर रहा है ताकि युद्ध की स्थिति में हथियारों की आपूर्ति की समस्या न रहे। गौरतलब है कि आज ईरान रूस से हथियारों का तीसरा सबसे बड़ा आयातक है। वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध में ईरान ने रूस को बड़े पैमाने पर ड्रोन्स की सप्लाई की है। दोनों देशों के बीच हथियारों की बड़ी डील हुई हैं।