लखनऊ। लोकदल के केंद्रीय कार्यालय माल एवेन्यू लखनऊ में बुधवार को आंदोलनकारी संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेताओं को सम्मानित किया गया। एक प्रेस वार्ता के दौरान लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह ने कहा की 5 प्रदेशों के होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी हार स्पष्ट दिखाई देने पर भाजपा सरकार ने किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों को वापस करते हुए किसानों की समस्त मांगों को स्वीकार किया है।
कृषि कानूनों को वापस लेना अडानी – अंबानी हितैषी भाजपा सरकार की मजबूरी बन गई थी। यह किसानों की एकता और उनके आंदोलन का ही प्रभाव था कि केंद्र की भाजपा सरकार को झुकना पड़ा। यह किसान की एकता का ही नतीजा था जिससे देश के तानाशाही प्रधानमंत्री को सिर झुकाना पड़ा। किसानों का आंदोलन अभी जारी रहेगा, जब तक कि देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का स्थान सर्वोपरि नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा कि देश के विकास में चौधरी चरण सिंह की यही सोच थी कि किसान के कल्याण से ही देश का विकास हो सकेगा। उनका नारा था कि देश की खुशहाली का रास्ता खेत और खालियानो से होकर गुजरता है। लोकदल का भी यही मूल मंत्र है, चौधरी चरण सिंह के इन्हीं नीतियों से विरत होने के कारण कृषि आय इतनी कम हो गई है कि किसानों के लिए जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। जिसके कारण उनके बच्चे किसानी को छोड़कर नौकरियों के लिए भटक रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देना होगा। किसान युवकों को उस में लगाने से कृषि उपज बढ़ानी होगी और उसका मूल्य किसान की मांग के अनुरूप रखना होगा।
इस कार्यक्रम में किसान आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले जगपाल सिंह कुंडू, सदस्य किसान मोर्चा, प्रदीप हुड्डा राष्ट्रीय प्रवक्ता राष्ट्रीय पंचायती राज संगठन, प्रबल प्रताप शाही, मोहित तोमर, संदीप पांडे, रजनीश सिंह यादव, पूनम पंडित, मनीष यादव, सुनील पंडित आदि लोगों को साल और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।