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लोकभवन हादसे को छिपाने में जुटे अधिकारी

लखनऊ. बुधवार को लोकभवन परिसर के भीतर लगा लोहे के गेट टूटकर गिर गया। उसकी चपेट में आने से सात साल की मासूम की मौत हो गई। घटना की जानकारी के बाद ठेकेदार मजदूर संग भाग निकला। तो वहीं पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना शुरु कर दी है। घटना के बाद मुख्यमंत्री दफ्तर में तैनात अधिकारी हादसे को दबाने में जुटे गए हैं।

लखीमपुर खीरी के ईसानगर गांव में रहने वाली सीमा मजदूर है। वह राजधानी स्थित लोकभवन में दैनिक मजदूरी का काम करती है। उसके संग उसकी सात साल की बेटी किरन रहती है। पिता दिव्यांग होने के चलते कोई काम नही करता।साथी मजदूर मलखान सिंह ने बताया कि बुधवार को सीमा काम कर रहीं थी,जबकि उसकी सात साल की बेटी भवन में लगे लोहे के गेट पर चढ़कर झूला झेल रही थी। करीब 4 बजे झूला झूल रही बच्ची के ऊपर लोहे का गेट गिर गया जिससे मौके पर मौत हो गई।

सूचना के बाद मौके पर अधिकारियों ने आनन फानन शव को तुरंत मौके से हटवाया और हादसा छिपाने को छिपाने की नीयत से उखड़ा हुआ गेट भी तुरंत लगवा दिया। इतना ही नही मौके पर खून के दाग को छिपाने के लिए उसपर मौरंग डलवा दी।

602 करोड़ से बनी इस इमारत में हुए भ्रष्टाचार की कलई अभी से खुलने लगी है। अरबों की लागत से बने लोकभवन के घटिया निर्माण का नतीजा ही था जिसने एक मासूम को निगल लिया।

 

 

 

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