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अधिकारियों ने 306 और आंगनबाड़ी केन्द्रों को लिया गोद‘, आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र’ बनाने का है मुख्य उद्देश्य

• अब तक 426 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया गया

वाराणसी। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तहत संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार पूरा ज़ोर दे रही है। दूसरे चरण में पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पंचायत सहित अन्य विभागीय अधिकारियों ने जिले के 306 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है। अब इन आंगनबाड़ी केन्द्रों को भी आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र बनाया जाएगा।

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) डीके सिंह ने बताया कि जनपद में 3914 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं । पहले चरण (जून 2022) में डीएम, सीडीओ, सीएमओ सहित 40 अधिकारियों द्वारा 120 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया गया था। हाल ही में महिला एवं बाल विकास विभाग की राज्यमंत्री द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेने की संख्या 1000 तक पहुंचाने के प्रयास के लिए निर्देशित किया गया है।

इस क्रम में दूसरे चरण में 102 विभागीय अधिकारियों द्वारा 306 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया गया है। प्रत्येक अधिकारी ने तीन-तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है. इसमें काशी विद्यापीठ ब्लॉक के 39, चिरईगांव के 42, चोलापुर के 42, पिंडरा के 30, अराजीलाइन के 36, सेवापुरी के 42, हरहुआ के 27, बड़ागांव के 48 आंगनबाड़ी केंद्र शामिल हैं।

सभी अधिकारियों को पत्र भी भेजा जा चुका है। इसके तहत अधिकारियों की मदद से केंद्रों पर कुर्सियां, मेज, खिलौने, वजन मशीन आदि की व्यवस्था की जाएगी।

डीपीओ ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेकर वहाँ पंजीकृत बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के साथ केंद्रों को आधुनिक बनाया जाएगा।

‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को कुपोषण मुक्त करना, साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन (ईसीसीई) स्तर में सुधार लाना एवं आधारभूत सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण करना है।

छह माह में करना है विकसित- गोद लिए गए आंगनबाड़ी केन्द्रों को अगले छह माह की समयावधि में विकसित किए जाने के लिए शासन की ओर से दिशा-निर्देश दिये गए हैं। अधिकारी गोद लिए गए केन्द्रों का निरीक्षण हर माह विभिन्न बिन्दुओं पर करेंगे।

इन केन्द्रों पर अधिकारियों की ओर से आधारभूत सुविधाएं जैसे स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, बाल मैत्री शौचालय की उपलब्धता, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर विद्युतीकरण, पोषण वाटिका, रंगाई-पुताई, भवन की भौतिक स्थिति, ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस की उपलब्धता, स्मार्ट फोन की उपलब्धता, बच्चों के बैठने के कुर्सी-मेज, खिलौने व अन्य सामाग्री उपलब्ध कराई जाएंगी। गोद लिए गए केन्द्रों को तय अवधि में उक्त मानकों की पूर्ति होने पर जिला पोषण समिति ‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ घोषित कर प्रमाण पत्र देगी।

रिपोर्ट-संजय गुप्ता 

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