फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व देश भर में धूमधाम से मनाया जाएगा। ज्योतिष आचार्यों की मानें तो भक्ति की राशि कौन सी है। उसके अनुसार अगर पूजा करेंगे तो पूजा जल्दी फलित होगी। भगवान शिव यूं तो मात्र जल और बिल्वपत्र से प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन उनका पूजन अगर अपनी राशि के अनुसार किया जाए तो अतिशीघ्र फल की प्राप्ति होती है।
मेष राशि: मेष राशि के लोग भगवान शिव को फूल अर्पित करें। रक्तपुष्प से पूजन करें तथा अभिषेक शहद से करें। ‘ॐ नम: शिवाय’ का जप करें।
वृषभ राशि: वृषभ राशि के जातक भगवान शिव की पूजा चमेली के फूलों से करने के साथ शिवजी के रुद्राष्टक का पाठ भी करें तथा दुग्ध से पूजन-अभिषेक करें। महामृत्युंजय का मंत्र जपें।
मिथुन राशि: अर्क, धतूरा तथा दुग्ध से पूजन-अभिषेक करें। शिव चालीसा पढ़ें।
कर्क राशि: श्वेत कमल, पुष्प तथा दुग्ध से पूजन-अभिषेक करें। शिवाष्टक पढ़ें।
सिंह राशि: रक्त पुष्प तथा पंचामृत से पूजन-अभिषेक करें। शिव महिम्न स्त्रोत पढ़ें।
कन्या राशि: हरित पुष्प, भांग तथा सुगंधित तेल से पूजन-अभिषेक करें। शिव पुराण में वर्णित कथा का वाचन करें।
तुला राशि: श्वेत पुष्प तथा दुग्ध धारा से पूजन-अभिषेक करें। महाकाल सहस्त्रनाम पढ़ें।
वृश्चिक राशि- रक्त पुष्प तथा सरसों तेल से पूजन-अभिषेक करें। शिव जी के 108 नामों का स्मरण करें।
धनु राशि: पीले पुष्प तथा सरसों तेल से पूजन-अभिषेक करें। 12 ज्योतिर्लिंगों का स्मरण करें।
मकर राशि: नीले-काले पुष्प तथा गंगाजल से पूजन-अभिषेक करें। शिव पंचाक्षर मंत्र का जप करें।
कुंभ राशि: जामुनिया-नीले पुष्प तथा जल से पूजन-अभिषेक करें। शिव षडाक्षर मंत्र का 11 बार स्मरण करें।
मीन राशि: पीले पुष्प तथा मीठे जल से पूजन-अभिषेक करें। रावण रचित शिव तांडव का पाठ करें।