• लोक परमार्थ सेवा समिति ने गुरु पूर्णिमा पर्व सम्मान समारोह के रूप में मनाया
लखनऊ। लोक परमार्थ सेवा समिति लखनऊ के तत्वावधान में सोमवार को गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर यह पर्व सम्मान समारोह के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डाॅ उमेश चंद्र शर्मा को महर्षि वेदव्यास सम्मान प्रदान किया गया।
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वृन्दावन के गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी में आयोजित कार्यक्रम में सेवा समिति के कार्यक्रम संयोजक एवं वरिष्ठ सदस्य सीके अरोड़ा (लालू भाई), भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय लखनऊ की प्रवक्ता डाॅ मीरा दीक्षित, गीता शोध संस्थान के समन्वयक चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार, शोध समन्वयक रश्मि वर्मा, कार्यालय सहायक दीपक शर्मा, रासाचार्य स्वामी घनश्याम शर्मा, पखावज वादक गोपाल शर्मा आदि ने ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डाॅ शर्मा को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। सभी ने पगड़ी, शाॅल, पटुका और माला ओढ़ाकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में रासलीला मंचन सीखने पधारे बालक-बालिकाओं को सम्बोधित करते हुए डाॅ उमेश चंद्र शर्मा ने कहा कि आज गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व है। बच्चों को यह जानना चाहिए कि महर्षि वेदव्यास जी की स्मृति में गुरु शिष्य परम्परा का उत्सव मनाने का दिन है। यह परम्परा अब व्यास गद्दी के रूप में जानी जाती है।
समिति के संयोजक श्री अरोड़ा ने बताया कि विगत वर्ष महर्षि वेदव्यास सम्मान सुदामा कुटी के संत सुतीक्ष्ण दास महाराज को प्रदान किया गया था। वेदव्यास जी ने महाभारत ग्रंथ की रचना के अलावा 18 पुराण, ब्रह्मसूत्र आदि की रचना भी की थी। उनके शिष्यों ने बाद में वेदों का सरलीकरण किया था। उन्होंने कहा कि हमें गुरु शिष्य परम्परा को पूर्व की भांति आगे बढ़ाना होगा।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी