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पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने पसमांदा मुसलमानो के लिए ठोस कार्य योजना बनाये जाने की मांग की

• विभिन्न मतावलंबी वाले देश में कामन सिविल कोड लागू करना औचित्य औचित्यहीन: अनीस मंसूरी

लखनऊ। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने हैदराबाद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पसमांदा मुसलमानो की बदहाली पर चिंता जताई थी। मंच पर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री सहित पार्टी के वरिष्ठ नेतागण मौजूद थे, प्रधानमंत्री ने पसमांदा मुसलमानो के दर्द का अध्यन किया और महसूस किया तथा इस पर काम करने के लिए पार्टी के नेताओं को पसमांदा मुसलमानो को देश की मुख्यधारा से जोड़ने की बात कही थी।

पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने पसमांदा मुसलमानो के लिए ठोस कार्य योजना बनाये जाने की मांग की

उन्होंने कहा कि आज एक साल पूरा हो चूका है लेकिन प्रधानमंत्री जी ने अभी तक पसमांदा मुसलमानो की बदहाली दूर करने के लिए कोई ठोस कार्य योजना नहीं बनाई है। लगातार अपने भाषाणों में पसमांदा मुसलमानो की बदहाली पर चिंता जताते हैं यदि सही मायने में प्रधानमंत्री उनकी बदहाली को दूर करने के लिए फ़िक्र मंद हैं तो उन्हें ईमानदारी से ठोस कार्ययोजना 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले लागू कर देना चाहिए ताकि पसमांदा मुस्लिम समाज में प्रधानमंत्री के वादे को लेकर विश्वास पैदा हो सके। अनीस मंसूरी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री जी ने 85 प्रतिशत पसमांदा मुसलमानो की बदहाली को सार्वजानिक रूप से स्वीकार कर लिया है तो इस से पसमांदा मुसलमानो के उत्थान की कार्ययोजनाओं को और बल मिलता है।

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अनीस मंसूरी ने कामन सिविल कोड (UCC) जैसे संवेदनशील मुद्दे पर प्रधानमंत्री जी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया जताते हुऐ कहा कि भारत जैसे देश जहां पर विभिन्न धर्मों, सम्प्रदायों व जाति के लोग सदियों से रहते आ रहे हैं जिनके अपने स्वयं के धार्मिक व सामाजिक नियम कानून हैं जो कि दूसरे धर्म के लोगों से नहीं टकराते हैं ऐसे में कामन सिविल कोड लागू करने का क्या औचित्य है।

पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने पसमांदा मुसलमानो के लिए ठोस कार्य योजना बनाये जाने की मांग की

कामन सिविल कोड लागू करने से पहले विश्व के देशों में क्या प्रभाव पड़ेगा इस बिंदु पर भी गहरा अध्यन करने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री के इस बयान पर कि घर में दो कानून नहीं चलेगा,, अनीस मंसूरी ने कहा कि घर चलाना अलग बात है और देश चलाना अलग मुद्दा है।

अनीस मंसूरी ने कहा कि पिछले 15 वर्षों से निरंतर प्रदेश व देश के विभिन्न राज्यों में जाकर और प्रदेश के शहरों, कसबों, गांव, और गलियों में जा जाकर पसमांदा मुसलमानो की बदहाली को देखा है. पसमांदा मुसलमानो को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया और अपने पत्राचार्य के माध्यम से समय समय पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को निरंतर अवगत कराता आया हुँ सिर्फ यह ही नहीं बल्कि भाजपा आला कमान के बुलावे पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से भी दिल्ली जाकर पसमांदा मुसलमानो की समस्याओं से अवगत कराता रहा हूं।

सिर्फ ऐसे ही नहीं प्रधानमंत्री जी की ज़ुबान पर पसमांदा आया है। यह हमारी कड़ी मेहनत का नतीजा है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि प्रधानमंत्री जी ने पसमांदा मुसलमानों की समस्याओं के निराकरण की दिशा में अभी तक कोई पहल नहीं की है। इस मौके पर मोहम्मद वसीम राईनी प्रदेश अध्यक्ष, हाजी नसीम अहमद कोषाध्यक्ष, खुर्शीद आलम सलमानी, मण्डल अध्यक्ष लखनऊ मौलाना इलियास मंसूरी, संगठन मंत्री उपस्थित थे।

रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी

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