हिमस्खलन हादसे के तीसरे दिन रेस्क्यू टीमें घटनास्थल पर पहुंचने में कामयाब हो गईं। टीमों ने मौके से 19 पर्वतारोहियों के शव बरामद कर लिए अब तक कुल 19 पर्वतारोहियों के शव निकाल लिए गए हैं।आज शुक्रवार सुबह दो हेलीकॉप्टर घटनास्थल के लिए रवाना हुए। इसके बाद एएलएच हेलीकॉप्टर समिट कैंप से चार शवों को लेकर हर्षिल हेलीपैड पहुंचा।
हेलीकॉप्टर द्वारा शवों को मातली हेलीपैड लाने का प्रयास किया गया, लेकिन खराब मौसम के कारण शवों को हर्षित हेलीपैड पर उतारा गया है, जिन्हें अब सड़क मार्ग से उत्तरकाशी भेजा गया।
बतादें कि क्षेत्र में बर्फबारी शुरू होने के कारण गुरुवार दोपहर के बाद हवाई रेस्क्यू रोक दिया गया है। नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनेरिंग के रजिस्ट्रार विशाल रंजन ने बताया कि वायुसेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और हाईएल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल, गुलमर्ग, कश्मीर की टीमें हिमस्खलन वाले स्थान तक पहुंचने में कामयाब हो गईं। पैदल गई एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी की टीम को घटना स्थल से तीन घंटे की दूरी तक पहुंच गई थी।
चार शवों में से दो शव एनआईएम प्रशिक्षक सविता कंसवाल और नौमी रावत उत्तरकाशी औरअजय बिष्ट निवासी अल्मोड़ा और शिवम कैंथोला हिमाचल के हैं। हर्षिल से दो शव आर्मी एम्बुलेंस से और दो शव 108 सेवा से उत्तरकाशी भेजे गए। शवों के उत्तरकाशी पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। एडवांस बेस कैंप में तैनात रेस्क्यू टीम द्वारा सात शव और बरामद कर लिए गए हैं। टीमों ने मौके से 19 पर्वतारोहियों के शव बरामद कर लिए जबकि, 10 लापता पर्वतारोहियों की तलाश की जा रही है।