Breaking News

नवयुग में एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजन 

लखनऊ। आज नवयुग कन्या महाविद्यालय (Navayug Girls College) के नवज्योतिका हिंदी विभाग द्वारा तुलसी जयंती के शुभ अवसर पर एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलन एवम छात्रा सुहानी द्वारा वाणी वंदना किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से उपस्थित डॉ बलजीत कुमार श्रीवास्तव का परिचय सुश्री मेघना यादव ने दिया। डॉ बलजीत ने कहा की भारत की संस्कृति विश्व की सर्वश्रेष्ठ संस्कृति है।

नवयुग में एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजन 

भारतीय संस्कृति समासिक संस्कृति का सर्वोत्तम उदाहरण है, जिसका वर्णन तुलसीदास अपने साहित्य में करते हैं। उनका साहित्य समन्वय की विराट चेतना है। गोस्वामी जी की रचनाओं के केंद्र में भारतीय संस्कृति की आध्यात्मिकता है।जब भारत विदेशी आक्रांताओं से पीड़ित था तब तुलसी का साहित्य जनता के दुःख को दूर करता है। वे रामराज्य की परिकल्पना द्वारा राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधने का प्रयास करते हैं। तुलसीदास के साहित्य का एकमात्र उद्देश्य मानवधर्म की स्थापना है।इसके लिए स्व के परित्याग एवम परोपकार पर बल देते हैं,परोपकार का मूल दया है।

भारत का स्वतंत्रता आंदोलन और उत्तर प्रदेश

विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित लखनऊ विश्वविद्यालय की डॉ ममता तिवारी का परिचय प्रो अमिता रानी सिंह ने दिया। डॉ तिवारी ने कहा की तुलसीदास भारत में ही नहीं वरन् विश्व साहित्य में प्रसिद्ध हैं।वे भारत के सांस्कृतिक लोकनायक हैं। साहित्यकार अपने सामाजिक सांस्कृतिक स्थिति का संवाहक होता है, उसका साहित्य उसके संस्कृति का दर्पण होता है। तुलसीदास युगद्रष्टा और परंपरा के उन्नायक कवि है।यद्यपि तुलसीदास सदैव आलोचना के केंद्र में रहते हैं, परंतु वे सर्वाधिक पढ़े जाने वाले कवि है। उनका साहित्य भारतीय संस्कृति का दर्पण है।

नवयुग में एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजन 

उनके द्वारा रचित रामचरितमानस ग्रंथ भक्तों के ह्रदय का कंठहार है।उनका साहित्य विश्वमंगल का साहित्य है।उनके सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का केंद्र सनातन धर्म पर आधारित जीवन दर्शन है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो मंजुला उपाध्याय ने कहा की राम का चरित्र संसार के लिए अनुकरणीय है। वे समस्त मानव के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

तुलसीदास जी  ने अपने साहित्य द्वारा ये संदेश दिया की संसार धर्म पर आधारित होना चाहिए। कार्यक्रम का औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो मंजुला यादव द्वारा किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ अपूर्वा अवस्थी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी संकायों की शिक्षिकाएं एवम छात्राएं उपस्थित रहीं।

About Samar Saleel

Check Also

कुलपति के नेतृत्व में 29 वें अविवि के दीक्षांत समारोह का किया गया पूर्वाभ्यास

• अविवि के दीक्षांत समारोह में उपाधिधारकों व आंगतुकों का प्रवेश 10 बजे तक। • ...