कोरोना महामारी और लॉक डाउन के कारण जनजीवन गहराई तक प्रभावित हुआ। जिन्होंने इस पीड़ा को झेला,जिन कोरोना योद्धाओं ने पीड़ितों की जी जान से सहायता की,उसको शब्दों में व्यक्त करना असंभव है। कलेंडर वर्ष 2020 कोरोना आपदा के साथ ही आपदा में अवसर के लिए याद किया जाएगा।
राष्ट्रीय एकता का प्रदर्शन
कोरोना के खिलाफ जंग में एकजुट प्रयास अपरिहार्य थे। शुरुआत में तो टेस्टिंग की भी कोई सुविधा नहीं थी। भारत ने सबसे पहले राष्ट्रीय एकजुटता का सन्देश दिया। ताली थाली और फिर ज्योति प्रज्वलन इसके मनोवैज्ञानिक माध्यम थे। बाद में अनेक देशों ने इसका अनुसरण किया। इसके द्वारा कोरोना से बचाव के सामूहिक प्रयास की चेतना जागृत हुई।
साकार हुआ पांच सदियों का सपना
2020 में पांच शताब्दियों का सपना साकार हुआ। रामजन्म भूमि पर श्रीरामलला विराजमान मंदिर निर्माण हेतु भूमि पूजन सम्पन्न हुआ। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व देश के प्रमुख सन्त महात्मा सहभागी हुए। इसमें भी राष्ट्रीय एकता व सद्भाव पर अमल दिखाई दिया। जबकि यह अत्यंत संवेदनशील विषय था। कुछ समय तक इसका कोई समाधान दिखाई नहीं दे रहा था। अंततः पांच सदियों का सपना साकार हुआ। पहली बार यहां वर्चुअल रामलीला को सम्पूर्ण विश्व में देखा गया।
पूर्वसंध्या पर एम्स
कोरोना की शुरुआत के साथ ही चिकित्सा सुविधा पर सर्वाधिक ध्यान रहा। यह सांयोग था कि इस कलेंडर वर्ष की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजकोट में एम्स के शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आजादी के इतने दशकों बाद भी सिर्फ छह एम्स ही बन पाए थे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने छह नए एम्स बनाने के लिए कदम उठाए थे। लेकिन यूपीए सरकार का काम सुस्त रहा। इन्हें बनाने में नौ साल लग गए थे। जबकि बीते छह वर्षों में दस नए एम्स बनाने पर काम हो चुका है। जिनमें से कई आज पूरी तरह काम शुरू कर चुके हैं। एम्स के साथ ही देश में बीस एम्स जैसे सुपर स्पैशिलिटी हॉल्पिटल्स पर भी काम किया जा रहा।
आयुष्मान पर 30 हजार करोड़
आयुष्मान भारत विश्व की सबसे बड़ी हेल्थ योजना है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस योजना से गरीबों के लगभग तीस हजार करोड़ रुपये ज्यादा बचे है। इस योजना ने गरीबों को कितनी बड़ी आर्थिक चिंता से मुक्त किया है। अनेकों गंभीर बीमारियों का इलाज गरीबों ने अच्छे अस्पतालों में मुफ्त कराया है। यूपीए के समय हेल्थ सेक्टर अलग अलग दिशा में, अलग अलग अप्रोच के साथ काम कर रहा था। प्राइमरी हेल्थ केयर का अपना अलग सिस्टम था। गांव में सुविधाएं न के बराबर थी।
वर्तमान सरकार ने हेल्थ सेक्टर में होलिस्टिक तरीके से काम शुरू किया। इस दौरान बचाव के साथ ही इलाज की आधुनिक सुविधाओं को भी प्राथमिकता दी। साढ़े तीन लाख से ज्यादा गरीब मरीजों को हर रोज इन जन सुविधा केंद्रों का लाभ मिल रहा है। सस्ती दवाओं की वजह से गरीबों के हर साल औसतन छत्तीस हजार करोड़ रुपये खर्च होने से बच रहे हैं। डॉक्टरों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि की जा रही है।
निर्धन कल्याण योजनाएं
कोरोना काल के दौरान गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए अभूतपूर्व योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया। लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत महिलाओं के जनधन खातों में पांच पांच सौ रुपये की किश्त भेजी। सरकार ने शुरू के तीन में बीस करोड़ महिलाओं को यह सहायता दी गई। इसके अलावा राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत वरिष्ठ नागरिकों,विधवाओं और दिव्यांगों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई। लॉकडाउन में खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा सभी राशन कार्ड धारकों को दो गुना राशन देने की व्यवस्था की गई। बाद में इसका समय भी बढ़ाया गया।
किसान सम्मान
प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत बारह करोड़ किसानों को सम्मान धनराशि प्रदान की गई। तीन करोड़ किसानों ने अपने कर्ज पर तीन महीने के मोरेटोरियम का फायदा भी दिया गया। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने तैतीस हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि मनरेगा के अंतर्गत स्वीकृत की थी।उज्जवला योजना के जरिए फ्री गैस प्रदान की गई।
आत्मनिर्भर भारत अभियान
लॉकडाउन में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को भी शामिल किया गया। उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त रसोई गैस दी गई। नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के क्रियान्वयन हेतु बीस लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज दिया। यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद दस प्रतिशत के बराबर है।उन्होंने आत्मनिर्भर भारत बनाने का आह्वान किया था। यह अभियान निरन्तर प्रगति पर है।