कई दशक पहले तक उत्तर प्रदेश के प्रायः प्रत्येक जनपद व विशिष्ट क्षेत्र स्तानीय उत्पाद के लिए प्रसिद्द थे। इसके बल पर प्रदेश ही नहीं देश में इनकी पहचान थी। लेकिन पिछली सरकारों की उदासीनता से स्थानीय लघु व कुटीर उद्योग समाप्ति की कगार पर पहुंच गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार इनके जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया।
इसके लिए एक जिला एक उत्पाद योजना लागू की गई। विगत करीब तीन वर्षों में इस योजना को उल्लेखनीय सफलता मिली है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के पूर्वजों ने अपने अपने क्षेत्रों को विशिष्ट पहचान देते हुए आगे की पीढ़ी के लिए स्वावलम्बन का मार्ग प्रशस्त किया। यही विशिष्टता आज के प्रयासों से ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के माध्यम से संरक्षित एवं संवर्धित हो रही है।
हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन
वर्तमान प्रदेश सरकार हस्तशिल्पियों व उद्यमियों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। स्थानीय उत्पाद देश की पहचान बन रहे हैं। हस्तशिल्पियों ने अपने परिश्रम व पुरुषार्थ से भदोही के कालीन को वैश्विक पहचान दिलायी है। योगी आदित्यनाथ ने जनपद भदोही में एक सौ सत्तानबे करोड़ रुपए से अधिक की लागत से कारपेट एक्सपो मार्ट व दस विकास परियोजनाओं का लोकार्पण तथा पांच परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
निर्यात में योगदान
देश से पांच हजार करोड़ रुपए मूल्य के कालीन प्रतिवर्ष निर्यात किए जाते है। जिसमें से चार हजार करोड़ रुपए अर्थात अस्सी प्रतिशत निर्यात केवल भदोही जनपद दुनिया के विभिन्न देशों में करता है। इसी प्रकार जनपद मुरादाबाद का सात करोड़ रुपए के ब्रास का सामान निर्यात किया जाता है। कन्नौज का इत्र,अलीगढ़ के ताले, गोरखपुर के टेराकोटा और मेरठ के खेल के सामान पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना संचालित की है। इसके अन्तर्गत कम दर पर लोन की व्यवस्था की गयी है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत भी लोन उपलब्ध कराया जा रहा है।
ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार
ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इसके माध्यम से प्रदेश में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने में सहूलियत प्रदान की गयी है, जिसका परिणाम है कि आज निवेशक प्रदेश की ओर आकर्षित हो रहे हैं। प्रदेश में वायु सेवा को मजबूत किया गया है।
चौदह जनपदों में एयरपोर्ट स्थापित किए जा रहे हैं। पूर्वान्चल एक्सप्रेस वे,बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे,डिफेन्स काॅरिडोर जैसे बड़े प्रोजेक्ट पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस वे प्रदेश की अर्थव्यवस्था की बैकबोन बनेंगे। कोरोना कालखण्ड में एमएसएमई सेक्टर के माध्यम से इकतीस हजार करोड़ रुपए के ऋण वितरित किए गए हैं।