लखनऊ। उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग (UP Human Rights Commission) द्वारा प्रायोजित परियोजना ‘उत्तर प्रदेश राज्य में डिजिटल मानवाधिकारों के मुद्दों और चुनौतियों का अध्ययन’ के अंतर्गत ‘दिव्यांग व्यक्तियों के डिजिटल मानवाधिकार’ (Digital Human Rights of Persons with Disabilities) पर एक दिवसीय संगोष्ठी डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (RMLNLU) में आयोजित की गई। संगोष्ठी की अध्यक्षता कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर संजय सिंह (AVC Pro Sanjay Singh) ने की।
प्रोफेसर संजय सिंह ने संगोष्ठी में बोलते हुए कहा कि डिजिटल युग में दिव्यांगजन लोगों के अधिकारों के प्रति हमें गंभीर होना होगा। यदि डिजिटल प्रौद्योगिकी मानव अधिकारों का सम्मान नहीं करेगी, तो दिव्यांगजन लोगों को अधिक भेदभाव का सामना करना पड़ सकता है।
संगोष्ठी में डॉ अभिषेक दीक्षित, सहायक प्रोफेसर, डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर और डॉ शैल शाक्य, सहायक प्रोफेसर, डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ शामिल थे। कार्यक्रम का आयोजन परियोजना निदेशक डॉ अमन दीप सिंह व डॉ विकास भाटी ने किया। डॉ आयुष वर्मा, ऋषि शुक्ला और अरुणिमा ने उक्त कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया।