पूर्वोत्तर रेलवे पर ‘एक स्टेशन, एक उत्पाद‘ योजना के कार्यान्वयन के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में गोरखपुर जंक्शन एवं बनारस स्टेशन का चयन किया गया है।
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Tuesday, March 22, 2022
लखनऊ। बजट 2022-23 में की गई उद्घोषणा के अनुरूप, लोकल (स्थानीय) कारीगरों, शिल्पकारों, कुम्हारों, बुनकरों और जन-जातियों के बेहतर जीविकोपार्जन और कल्याण के लिए रेलवे स्टेशनों के प्लेटफार्म पर लोकल उत्पादों के मार्केटिंग हेतु ‘स्टाल‘ निर्धारित स्थान पर उपलब्ध कराया जायेगा।
इससे स्थानीय उत्पादों जैसे कि खाद्य पदार्थ, हस्त शिल्प उत्पाद, कलाकृतियां, हथकरघा इत्यादि क्षेत्र विशेष के अनुसार रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर शो-केस किया जायेगा। इसी क्रम में, रेलवे बोर्ड की तरफ़ से पाॅयलट प्रोजेक्ट के माध्यम से सभी क्षेत्रीय रेलों के एक अथवा दो स्टेशनों पर इसे प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है।
पूर्वोत्तर रेलवे पर ‘एक स्टेशन, एक उत्पाद‘ योजना के कार्यान्वयन के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में गोरखपुर जंक्शन और बनारस स्टेशन का चयन किया गया है। गोरखपुर जं. पर टेराकोटा हस्तशिल्प तथा बनारस स्टेशन पर आजमगढ़ की ब्लैक पाटरी के प्रदर्शन हेतु पायलट प्रोजेक्ट 25 मार्च, से 15 दिनों के लिये चलाया जायेगा । इस पायलट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत रू0 500/- की टोकन राशि ली जायेगी ।
‘एक स्टेशन, एक उत्पाद- OSOP’ के अन्तर्गत गोरखपुर जंक्शन पर टेराकोटा हस्तशिल्प और बनारस स्टेशन पर आज़मगढ़ की ब्लैक पाटरी के प्रदर्शन के लिए स्टाल और कियॉस्क लगाने के लिये स्थान उपलब्ध कराया जायेगा, जहाँ आने-जाने वाले यात्रियों की पहुंच आसान हो।
रेलवे अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों द्वारा शिल्पकारों एवं यात्रियों से इसका फीडबैक लिया जायेगा। OSOP योजना के अन्तर्गत गोरखपुर जंक्शन पर टेराकोटा हस्तशिल्प के स्टाल हेतु पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मंडल वाणिज्य निरीक्षक के मोबाइल नम्बर 9794842962 एवं स्टेशन निदेशक, गोरखपुर के मोबाइल नम्बर 9794842907 पर तथा बनारस स्टेशन पर आजमगढ़ की ब्लैक पाटरी का स्टाल लगाने के लिये वाराणसी मंडल के सहायक वाणिज्य प्रबन्धक के मोबाइल नम्बर 9794843952 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
OSOP योजना की सूचना वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। विदित हो कि ‘टेराकोटा उत्पाद‘ गोरखपुर जनपद का ‘एक जनपद, एक उत्पाद‘ के रूप में भी नामित है। गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर इसका स्टाल लगाये जाने से यहाँ के हस्तशिल्पियों का उत्साहबर्धन होगा तथा विश्व प्रसिद्ध टेराकोटा उत्पाद को एक बेहतर मार्केट मिलेगा।
रिपोर्ट-दयाशंकर चौधरी