रक्षा मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए युद्धों और अभियानों के इतिहास के संग्रह, संकलन , प्रकाशन और उन्हें सार्वजनिक करने की नीति को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को इस नीति को मंजूरी दी।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”युद्ध इतिहास के समय पर प्रकाशन से लोगों को घटना का सही विवरण उपलब्ध होगा, शैक्षिक अनुसंधान के लिए प्रमाणिक सामग्री उपलब्ध होगी और इससे अनावश्यक अफवाहों को दूर करने में मदद मिलेगी।”
युद्ध और अभियानों के इतिहास के संकलन तथा विशेषज्ञों को सूचना देने के बाद राष्ट्रीय अभिलेखागार में भेजे जाने चाहिए। युद्ध और अभियानों के संकलन , मंजूरी और प्रकाशन के समन्वय की जिम्मेदारी इतिहास विभाग की होगी ।
इस नीति के अनुसार, रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले सभी प्रतिष्ठान मसलन सेना की तीनों शाखाएं, इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ, असम राइफल्स और भारतीय तटरक्षक वार डायरीज , लेटर्स ऑफ प्रोसिडिंग्स सभी सूचनाएं रक्षा मंत्रालय के इतिहास विभाग को मुहैया कराएंगे जो इन्हें सुरक्षित रखेगा, उनका संग्रह करेगा और इतिहास लिखेगा।