लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा मुद्दों पर न बात करती है न काम करती है। विकास करना भाजपा का लक्ष्य नहीं है। भाजपा लोगों को गुमराह करने की साजिशें रचती है। भाजपा कार्यालय षडयंत्र का केन्द्र बन गया है जहां लोकतंत्र के विरूद्ध दिनरात रणनीति बनती रहती है।
चुनाव से पहले किसानों के बढ़ते आक्रोश से घबराई भाजपा की केन्द्र सरकार ने अपनी साजिशी रणनीति के तहत कई फसलों की एमएसपी घोषित कर यह जताने की कोशिश की है कि वह किसानों की बड़ी हितैषी है जबकि हकीकत यह है कि भाजपा सरकार द्वारा घोषित एमएसपी पर फसल बेचने का मौका कभी किसान को मिला नहीं है। उसकी मजबूरी तो अपनी फसल औने-पौने दाम बिचैलियों को ही बेचने की है। बढ़ी एमएसपी तो उसके जले पर नमक छिड़कना है।
भाजपा की राज्य सरकार ने अपना पूरा कार्यकाल केवल विज्ञापन और प्रचार के सहारे पार कर लिया है। जमीन में उनकी एक भी योजना नहीं दिखाई दी। समाजवादी पार्टी ने जो काम किए उनके उद्घाटन का उद्घाटन ही करते मुख्यमंत्री जी के दिन बीत रहे हैं। अपने एक शिलान्यास का उन्होंने उद्घाटन नहीं किया। एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं किया।
अब जब छह महीने से कम समय रह गया है तब मुख्यमंत्री जी नई-नई योजनाओं की घोषणाएं कर रहे हैं। प्रधानमंत्रीजी के कर कमलों से नए लोकार्पणों की योजना बन रही है। समाजवादी सरकार ने पुल-सड़क और मण्डियों का निर्माण कराया, अस्पताल बनवाए। भाजपा सरकार ने सड़कों में गड्ढे बनवाए हैं, पुल घटिया निर्माण सामग्री लगने से टूट रहे है और मंडियों को बंद किया जा रहा है।
सच तो यह है कि भाजपा सभी समस्याओं की जड़ है। प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है, मंहगाई और भ्रष्टाचार चरम पर है, जनता त्रस्त है। भाजपा को किसान, गरीब, नौजवान की चिंता नहीं पूंजीपतियों के हितों के संरक्षण की फिक्र रहती है। भाजपा अंतिम क्षणों में कोई भी बड़ी साजिश कर सकती है। समाजवादी कार्यकर्ताओं को इससे सावधान और सतर्क रहना है।