प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संवैधानिक दायित्वों के प्रति समर्पित रहे है। मुख्यमंत्री और उसके प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने दो दशक पूर्ण किये। इस पूरी अवधि में उन्होंने एक दिन का भी अवकाश नहीं लिया। बड़े त्योहारों पर जब सर्वत्र अवकाश रहता है, उसमें भी मोदी कहीं सुदूर सैनिकों के बीच चले जाते है। उनका उत्साह वर्धन करते है। उनके साथ त्योहार की खुशियां बांटते है। वह जानते है कि ये सैनिक अपने परिवार से दूर देश की सीमाओं को सुरक्षति रखने में लगे है।
प्रधानमंत्री का इनके बीच पहुंचना भी संवैधानिक दायित्व के अंतर्गत है। मोदी इसका निर्वाह करते है। इसी प्रकार वह अपने जन्मदिन को भी सामान्य कार्य दिवस के रूप में ही मानते है। उनकी दिनचर्या में कोई बदलाव नहीं होता। इस दिन भी उनके कार्यक्रम निर्धारित रहते है। जन्मदिन को ध्यान में रख कर रूटीन में कोई बदलाव नहीं होता।
इस बार जन्मदिन पर वह अनेक सरकारी कार्यक्रमों में सम्मलित हुए। उन्होंने महत्वपूर्ण शंघाई सम्मेलन को संबोधित किया। दुनिया को अफगानिस्तान के संबन्ध में स्पष्ट सन्देश दिया। अनेक देशों में नरेंद्र मोदी के बयान प्रमुखता से प्रसारित किए गए। उन्होंने केवल शंघाई के सदस्य देशों को ही नहीं संयुक्त राष्ट्र संघ व सुरक्षा परिषद को विचार का मुद्दा दिया है।
शंघाई सहयोग संगठन की वार्षिक बैठक ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में हो रही है। नरेंद्र मोदी ने इस बैठक को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने अफगानिस्तान में कट्टरपंथियों के वर्चस्व को शांति व सुरक्षा के लिए संकट बताया। कहा कि मध्य एशिया का क्षेत्र मॉडरेट और प्रगतिशील संस्कृति और मूल्यों का गढ़ रहा है।सूफ़ीवाद जैसी परम्पराएं यहां सदियों से पनपी और पूरे क्षेत्र और विश्व में फैलीं।
इनकी छवि हम आज भी इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत में देख सकते हैं। भारत व शंघाई के लगभग सभी देशों में मॉडरेट, टॉलरेंट और इन्क्लूसिव संस्थाएं और परम्पराएं हैं। संगठन को इनके बीच एक मजबूत नेटवर्क विकसित करने के लिए काम करना चाहिए। इस बैठक में अफगानिस्तान संकट, क्षेत्रीय सुरक्षा,सहयोग एवं सम्पर्क सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हो रही है। शिखर बैठक में सदस्य देशों के नेताओं के अलावा पर्यवेक्षक देश, संगठन के महासचिव, एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद निरोधक ढांचे के कार्यकारी निदेशक,तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति एवं अन्य आमंत्रित अतिथि शामिल है।
शंघाई सम्मेलन की स्थापना करीब बीस पहले हुई थी। चार वर्ष पहले भारत इसका पूर्णकालिक सदस्य बना। जन्मदिन की पूर्व संध्या पर नरेंद्र मोदी ने विकास कार्यों को आगे बढाने का सन्देश दिया था। उन्होंने सेंट्रल विस्टा के एक भवन का लोकर्पण किया था। इस नए रक्षा कार्यालय परिसरों में सेना,नौसेना और वायु सेना सहित रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के लगभग सात हजार अधिकारियों के लिए कार्य करने की जगह उपलब्ध होगी। उन्होंने इसे देश की राजधानी को नए भारत की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुसार विकसित करने की तरफ एक और कदम बताया था।
रक्षा कार्यालय परिसर सेनाओं के कामकाज को अधिक सुविधाजनक व अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करने वाले हैं। यह आधुनिक कार्यालय राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े हर काम को प्रभावी रूप से चलाने में सहायक होगा। यह आधुनिक रक्षा एऩ्क्लेव के निर्माण की दिशा में बड़ा कदम है। नवनिर्मित रक्षा कार्यालय परिसर सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है। नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर देश मे सेवा व समर्पण के अनेक कार्यकम आयोजित किये गए। इस क्रम में रेलवे द्वारा प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से उद्योगों से संबंधित कौशल विकास कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।इसके अंतर्गत भारतीय रेलवे अगले तीन साल की अवधि में हजारों युवाओं की फौज तैयार करेगी।जिन्हें तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा।
इस अभियान में पूरे देश के युवाओं को शामिल करने के लिए पचहत्तर रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों को चिन्हित किया गया है। प्रशिक्षण चार ट्रेडों में देने की योजना है। इसमें प्रारंभिक बुनियादी प्रशिक्षण शामिल होगा। इस अभियान में क्षेत्रीय मांगों और जरूरतों के आंकलन के आधार पर क्षेत्रीय रेलवे और उत्पादन इकाइयों द्वारा अन्य ट्रेडों में प्रशिक्षण कार्यक्रम जोड़े जाएंगे। प्रशिक्षण नि: शुल्क दिया जाएगा। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तत्वावधान में इस योजना का शुभारंभ किया। अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन पर रेलवे की ओर से उपहार के रूप में रेल कौशल विकास योजना को समर्पित किया।
कौशल विकास का विजन प्रधानमंत्री मोदी के विजन का अभिन्न अंग है। प्रशिक्षित युवाओं को व्यापार के लिए यथोचित टूलकिट भी प्रदान किए जाएंगे। जिससे इन प्रशिक्षुओं को अपनी शिक्षा का उपयोग करने और स्व।रोजगार के साथ साथ विभिन्न उद्योगों में रोजगार की क्षमता बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इधर लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेवा सत्कार समर्पण अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लगाव को ध्यान में रखते हुए उनके जन्मदिन के अवसर पर बीस दिवसीय सेवा समर्पण कार्यक्रम प्रारम्भ हो रहा है।
इस कार्यक्रम का शुभारम्भ इस संस्था से किया जा रहा है। योगी ने यहां राजकीय बालक एवं बालिका विशेषीकृत गृह स्थित निर्वाण पुनर्वास केन्द्र में मानसिक मंदित एवं दिव्यांग बच्चों को उपहार भेंट किये। दिव्यांग शब्द भी प्रधानमंत्री की देन है। दिव्यांगजन के प्रति हमारा दृष्टिकोण अत्यन्त संवेदनापूर्ण एवं मानवीय होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने इस सम्बन्ध में अनेक कदम उठाये हैं। उनके जन्मदिन पर इस संस्था के साथ जुड़कर इस मिशन को आगे बढ़ाया है। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने देश को विभिन्न क्षेत्रों में एक नई दिशा दी। प्रधानमंत्री ने सन्देश दिया कि दिव्यांगजन के अन्दर भी प्रतिभा है। उस प्रतिभा को समाज व देश के लिए उपयोगी बनाने के लिए उन्हें उचित मंच देना होगा। विगत सात वर्षों में दिव्यांगजन से सम्बन्धित जितने भी कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
आजादी के बाद से लेकर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने तक इतने कार्यक्रम नहीं हुए। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने का उनका उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को प्रधानमंत्री जी की ओर से उज्ज्वल भविष्य के प्रति आश्वस्त करना है। यह प्रधानमंत्री को उनके जन्मदिन पर बधाई है। यह निर्वाण पुनर्वास केन्द्र अपनी बेहतर सेवा तथा मानवता के कल्याण के लिए समर्पित है। दिव्यांग बच्चों के प्रति हमारी सहानुभूति होनी चाहिए। इन्हें आगे बढ़ाने के लिए हर सम्भव मदद देनी चाहिए। संस्था द्वारा प्रत्येक बच्चे को आगे बढ़ाने के लिए उनके साथ पूरी सहानुभूति व संवेदना पूर्ण व्यवहार करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिव्यांगजन को विभिन्न सेवाओं में आरक्षण का लाभ देने के लिए उनकी कैटेगरी एवं कोटा को बढ़ाया है।
दिव्यांगजन के सामने अवसर है कि इस सुविधा का लाभ ले सकें। राज्य सरकार इस कार्य में पूर्ण मदद करेगी। सरकार पांच इन्टीगे्रटेड सेन्टर खोलने का प्रस्ताव भेज चुकी है। इस पर कार्यवाही भी प्रारम्भ हो चुकी है। लखनऊ,अयोध्या, काशी,गोरखपुर में इन्टीग्रेटेड सेन्टर प्रस्तावित हैं। वृन्दावन में यह पहले से ही बनकर तैयार है और संचालित है। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देशित किया कि इण्टीग्रेटेड सेण्टर के विस्तार के लिए तत्काल धनराशि उपलब्ध करायी जाए।
सेवा एवं समर्पण अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य परीक्षण शिविर, रक्तदान,गरीब बस्तियों अनाथालयों व वृद्धाश्रमों में फल वितरण, स्वच्छता कार्यक्रम सहित विभिन्न प्रकार के सेवा कार्यो का संचालन किया जाएगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि अंत्योदय के प्रणेता प.दीनदयाल उपाध्याय जी के सपनों को मोदी जी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार लगातार समर्पित होकर पूरा कर रही है। उनके नेतृत्व में केन्द्र सरकार की हर योजना में गांव,गरीब, किसान,दलित,पीडित, शोषित और वंचित के कल्याण और उनके हित प्राथमिकता में होते है। उनके मार्गदर्शन में ही सेवा ही संगठन।भाजपा का मूल मंत्र बना है।