एटा। एक तरफ विश्व में फैली कोरोना माहमारी ऐसे में हाल में ही सम्पन्न हुए उत्तर प्रदेश के अंदर पंचायत चुनावों ने इस माहमारी को और तीव्रता की ओर झोंक दिया है। जिसका प्रमाण एटा जनपद के विकासखंड अलीगंज में देखने को मिला की किस तरह से पंचायत चुनावों ने इस माहमारी को त्रासदी की ओर अग्रसर कर दिया।अलीगंज विकासखंड के टी डी पब्लिक स्कूल में मतगणना स्थल बनाया गया था।
इस दौरान जलेसर में तैनात पशु विभाग के सीवीओ को रिटर्निंग अफसर के पद पर तैनात किया गया था। आरओ अनिल कुमार सिंह ने 30 तारीख को आर टी पी सी आर जांच कराई थी। लेकिन प्रशासन की इतनी बड़ी लापरवाही की बिना जांच रिपोर्ट आये उन्हें मतगणना कराने का चार्ज दिया गया। मतगणना के दौरान मतगणना स्थल पर न तो कोई कोरोना नियमों का पालन कराया गया और न ही सोशल डिस्टेंशिंग का।वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक के ऊपर एक कैसे लोग लदे हुए थे।
दो अप्रेल को मतगणना शुरू कराई गई लगभग वाहत्तर घंटे तक ये मतगणना चली विकास खंड तिरानवे ग्राम प्रधान चुन कर अपने घर जा चुके थे सैकड़ों की संख्या में बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य चुन कर घर जा चुके थे।उसके बाद जाकर आर ओ साहब की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। जैसे ही आर ओ साहब को पता चला कि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव है वैसे ही उन्होंने वगैर जिला प्रशासन को सूचना दिए और आधा अधूरा मतगणना कार्य छोड़ कर बागबाला स्थित कोविड सेंटर जाना उचित समझा।
जिला अधिकारी विभा चहल कुछ समझ पाती उससे पहले उन्होंने रिटर्निंग अफसर के खिलाफ निलंबन और आयोग को रिपोर्ट भेजने के साथ-साथ विभागीय जांच के भी आदेश जारी किए। लेकिन सोचने की बात तो ये है कि आखिर जिला प्रसाशन से इतनी बड़ी चूक हुई कैसे।हजारों की संख्या में मतगणना स्थल पर मौजूद लोगों की बलि लेने का इंतजाम कर चुका था क्या जिलाप्रशासन।
रिपोर्ट-अनंत मिश्रा