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डायबिटीज टाइप 2 के रोगियों में यदि दिखने लगे ये लक्षण तो हो जाए सावधान !

टाइप 2 डायबीटीज से जूझ रहे अधिकांश लोग ओवरवेट हैं और मोटापे से परेशान हैं। इससे उनकी सेहत पर कैंसर समेत कई भयानक रोगों का जोखिम मंडराता रहता है। कहा जाता है कि डायबीटीज के पेंशेंट के ऊपर दिल के रोगी होने का दोगुना रिस्‍क भी होता है। अगर सही जीवनशैली न अपनाई गई तो कैंसर तक हो सकता है। आइए जानें कि किस तरह टाइप 2 डायबीटीज के मरीज ब्‍लड शुगर पर प्रभावी नियंत्रण कर सकते हैं।


हाल ही में एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि 2030 तक डायबिटीज टाइप 2 के रोगियों की संख्‍यां 40.56 करोड़ से बढ़कर 51 करोड़ तक पहुंच जाएगीं, लेकिन उससे भी बुरी खबर ये है कि बढ़ते डायबिटीज रोगियों की संख्‍या की वजह से इंसुल‍िन की उपब्‍धता में किल्‍लत होने लगेगी। इंसुल‍िन की आपूर्ति और बढ़ती डिमांड की वजह से बहुत से डायबिटीज मरीजों को इलाज में काफी समस्‍या आएंगी।

आप कह सकते हैं कि पानी की कोई भी मात्रा लंबे समय तक आपकी प्यास नहीं बुझाएगी। यदि गुर्दे तेजी से काम नहीं करते हैं, तो शरीर में मूत्र का उत्पादन बढ़ जाएगा और आप अधिक बार पेशाब करेंगे। यह निर्जलीकरण के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। यदि आपको दिन में बहुत प्यास लगती है और आप बार-बार बाथरूम जाते हैं, तो आपको एक बार डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

उच्च ब्लड शुगर के स्तर के कारण चोट या घाव जल्दी से ठीक नहीं होते हैं, शरीर पर एक छोटा निशान भी जल्दी से ठीक नहीं होता है। शेविंग करते समय चेहरे पर थोड़ा कट लंबे समय तक रहता है। टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों में इस तरह की समस्याएं अधिक होती हैं। ब्लड शुगर का स्तर भी नसों को नुकसान पहुंचा सकता है।

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