PM Modi और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच वुहान में अनौपचारिक शिखर वार्ता के बाद से सीमा पर शांति और पेट्रोलिंग के तरीके में बदलाव दिख रहा है। दोनों देशों की सेना ने एक मई को बॉर्डर पर्सनल मीटिंग (बीपीएम) की। जिसमें दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद सेनाओं के बीच यह पहली बैठक है। इससे पहले पीएम मोदी और चिनफिंग ने मुलाकात के दौरान सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर दोनों देशों के बीच रणनीतिक संचार को मजबूत करने पर सहमति जताई गई थी।
PM Modi, विवादित मामलों में शांति को बहाल रखने पर जोर
बीपीएम में दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी) पर शांति कायम रखने और विश्वास बहाली के अतिरिक्त उपायों पर काम करने का संकल्प लिया। बीपीएम की बैठक लद्दाख के चुसुल में की गई। इस बैठक में सीमा प्रबंधन के मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इसके साथ विवादित सीमा पर तनाव को कम करने और अविश्वास को पाटने के उपायों से संबंधित मामलों पर बातचीत केंद्रित थी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच भरोसे का निर्माण करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और सीमा पर तनाव कम करने के उपायों पर विचार किया जा रहा है। इसमें ‘मिलजुल कर गश्त लगाने’ समेत अन्य कदम शामिल हैं।
दोनों देश विवादित क्षेत्रों में गश्ती दल भेजने की देंगे अग्रिम जानकारी
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तालमेल करके गश्त लगाने के अंतर्गत प्रत्येक पक्ष दूसरे पक्ष को विवादित क्षेत्र में अपना गश्ती दल भेजने से पहले अग्रिम सूचना देगा। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष स्थानीय घटनाओं का हल 2003 के समझौते के प्रावधानों के अनुसार करेंगे। सूत्रों के अनुसार दोनों पक्ष भारतीय सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक और उनके चीनी समकक्ष के बीच काफी समय से लंबित हॉटलाइन स्थापित करने पर भी काम कर रहे हैं। बॉर्डर पर्सनल मीटिंग मजदूर दिवस के मौके पर हुई। सैनिक और उनके परिवार के सदस्यों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। दोनों पक्षों ने अरूणाचल प्रदेश के किबिथे में वाचा सीमा चौकी पर तोहफे का आदान-प्रदान किया गया।