हिमाचल प्रदेश में अफसर की गोली मारकर हत्या करने के मामले में Supreme Court ने सख्त रूख अपनाने के बाद बुधवार को स्वत: संज्ञान लिया। सुप्रीम कोर्ट ने टीसीपी महिला अफसर की हत्या को शर्मनाक घटना करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जायेंगी। यह सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना है। कोर्ट ने कहा कि मामले को चीफ जस्टिस के सामने रखा जायेगा। गुरूवार को मामले की सुनवाई की अपील की किया गया।
Supreme Court के 13 होटलों के अवैध निर्माण को गिराने के आदेश के बाद घटी घटना
एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट की ओर से कसौली के 13 अवैध रूप से निर्माण किये गये होटलों को गिराने के बाद यह घटना घटित हुई। सुप्रीम कोर्ट ने 2 मई तक इसकी डेडलाइन दी थी। जिसके मद्देनजर मंगलवार सुबह जब 38 सदस्यीय चार टीमें अवैध निर्माण गिराने कसौली पहुंची थी। जहां पर कुछ होटलों पर कार्रवाई की गई थी। इसके बाद अस्सिटेंट टाउन कंट्री प्लानिंग, शैलबाला के नेतृत्व में प्रशासन की टीम दोपहर को मंढोधार में नारायणी गेस्ट हाउस पहुंची थी। इस दौरान होटल संचालक विजय ठाकुर ने हंगामा शुरू कर दिया।
लाइसेंसी रिवालवर से दागीं तीन गोलियां
हंगामा और बहस करने के बाद आपा खो बैठे होटल संचालक ने लाइसेंसी रिवाल्वर से महिला अधिकारी पर लाइसेंसी रिवॉल्वर से तीन गोलियां दाग दी। जिससे एक गोली महिला अधिकारी के सिर पर लगी तो दूसरी सीने पर लगने के बाद मौके पर ही वह ढ़ेर हो गई। इसके साथ पीडब्ल्यूडी विभाग का एक कर्मी भी घायल हो गया। जिसे पीजीआई चंडीगढ़ रैफर किया गया। पुलिस ने इस संबंध में चार टीमें गठित की और आरोपी की तलाश कर रही हैं।