बिधूना/औरैया। तहसील क्षेत्र में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर तक पहुंच चुका है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सोमवार को 349 के पार हो गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है। पूरे क्षेत्र में छाई धुंध से विजिबिलिटी घटने लगी है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और बाहर काम करने वालों के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ रहा है।
बिधूना और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर रविवार से ही बढ़ने लगा था। सोमवार को दोपहर तक AQI गंभीर स्थिति में दर्ज किया गया। ठंडी हवाओं के चलते धुंध का असर बढ़ गया है, जिससे वाहन चालकों और राहगीरों को काफी परेशानी हो रही है।
AQI लेवल कितना होना चाहिए –
0-50 AQI होने का मतलब हवा अच्छी है, प्रदूषण नहीं है। 51-100 AQI को मध्यम कैटिगरी मे रखते हैं एवं सलाह दी जाती है कि जो सेंसिटिव लोग हैं वो आउटडोर ऐक्टिविटी को कम कर सकते हैं।
विशेषज्ञों की सलाह
श्री गजेन्द्र सिंह पब्लिक इंटर कॉलेज के जीव विज्ञान के शिक्षक जितेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि हवा में प्रदूषक कणों की मात्रा बढ़ने से सांस लेने में तकलीफ हो रही है। भूगोल प्रवक्ता सूर्यवंश सिंह ने पराली जलाने और अन्य कारणों को प्रदूषण का बड़ा कारण बताया।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस जहरीली हवा का सबसे अधिक असर स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और बाहर काम करने वाले मजदूरों पर पड़ रहा है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लोग मास्क का इस्तेमाल करें और जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें।
👉 प्रेमी के साथ मिलकर की थी पति की हत्या, आरोपी महिला गिरफ्तार, प्राइमरी स्कूल में मिला था अधजला शव
क्या कहता है प्रशासन
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि पराली जलाने जैसी गतिविधियों से बचें और प्रदूषण रोकने में सहयोग करें। वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं।
रिपोर्ट – संदीप राठौर चुनमुन