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छुट्टी के दिन चोरी का प्लान, उम्मीद से कई गुना मिला माल, फिर महाचोर ने खाई कसम… चौंका देंगे ये खुलासे

बड़ी पुरानी कहावत है ‘इंसान चाहता कुछ है और ऊपरवाला करता कुछ है.’ दिल्ली में 25 करोड़ की ज्वेलरी पर अकेले हाथ साफ करने वाले सुपर चोर की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. उसने जहां चोरी की, तो उम्मीद से ज्यादा माल हाथ लगा.

जिसे देखकर उस चोर ने ठान लिया कि अब और जुर्म नहीं करेगा. लेकिन अगले तीन दिनों में एक बार फिर से उसकी किस्मत बदल गई. जानिए दिल्ली में सबसे बड़ी चोरी करने वाले सुपर चोर लोकेश श्रीवास की पूरी कहानी.

ऐसे बदली सुपर चोर की किस्मत

साउथ ईस्ट दिल्ली के भोगल इलाके में मौजूद उमराव सिंह ज्वेलर्स में रातों-रात झाडू फेर कर हर किसी को सन्नाटे में डाल देने वाले उस चोर ने भी कभी नहीं सोचा था कि वो जिस ज्वेलरी शॉप में चोरी करने जा रहा है, वहां से उसे इतना माल हाथ लगेगा कि खर्च करते-करते उसकी पुश्तें निकल जाएंगी. यानी इस चोरी के बाद रातों-रात उसकी किस्मत पलट चुकी थी. वो अमीर बन चुका था. यही वजह है कि जब वो इस दुकान से चोरी करके बाहर निकला, तो उसने मन ही मन ये ठान लिया था कि इसके बाद वो फिर कभी चोरी नहीं करेगा. लेकिन तकदीर का खेल देखिए कि महज दो से तीन दिन गुजरते-गुजरते ही इस सुपर चोर की किस्मत ने फिर से पलटी मारी और वो छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार कर लिया गया. यानी 25 करोड़ की जो ज्वेलरी रातों-रात हाथ लगी थी, वो तो हाथ से गई ही, ऊपर से सलाखें नसीब हुईं, सो अलग.

हमेशा बड़ा दांव खेलना चाहता था लोकेश

सुपर चोर लोकेश श्रीवास को पुलिस हिरासत में लेकर कई दिनों तक पूछताछ करने के बाद दिल्ली पुलिस ने जब उसे अदालत में पेश किया, तो इनवेस्टिगेशन की सारी डिटेल सामने रखी. उस सुपर चोर की जो क्राइम कुंडली पुलिस ने पेश की, उसे सुन कर कोर्ट रूम में मौजूद सारे लोग हैरान रह गए. पुलिस ने बताया कि शक्ल सूरत से लोकेश बेशक एक साधारण सा लड़का लगता हो, लेकिन चोरी के मामले में उसके इरादे हमेशा बड़े रहे. उसे छोटी चोरियां करना कभी पसंद ही नहीं आया और वो लगातार बड़ा दांव लगाने की कोशिश करता था.

लोकेश ने ठान लिया था कि अब नहीं करेगा चोरी

उमराव सिंह ज्वेलर्स में चोरी करने के तुरंत बाद ही जब उसे ये अहसास हो गया कि उसने कुछ जरूरत से ज्यादा ही बड़ी चोरी कर डाली है, तो वो सीधे बस लेकर दिल्ली से अपने होम स्टेट छत्तीसगढ़ पहुंच गया. जहां एक मकान में ज्वेलरी से भरे बैग छुपा कर रखने के बाद उसने खुशी के मारे अपने दोस्त शिवा को बैग से निकाल कर दो सोने की चेन गिफ्ट कर दी. लोकेश ने शिवा से कहा, ‘आज के बाद से चोरी बंद. अब मैं अमीर आदमी बन गया हूं. इस ज्वेलरी को बेच कर इतने पैसे तो मिल ही जाएंगे कि मेरी जिंदगी आराम से कट जाए.’ लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. छत्तीसगढ़ पुलिस जल्द ही लोकेश तक पहुंच गई और उसे तमाम माल असबाब समेत गिरफ्तार कर लिया गया.

अब सवाल था कि

– आखिर सुदूर छत्तीसगढ़ से आने वाले एक चोर ने दिल्ली के पॉश इलाके के इस आलीशान ज्वेलरी शो रूम को कैसे टार्गेट किया?

– कब उसने उस दुकान की रेकी की?

– क्या चोरी से पहले वो इस दुकान में या उसके बगल वाली बिलडिंग में कभी गया था? अगर हां, तो किस बहाने से?

– अगर इस ज्वेलरी शॉप में वो पहले नहीं घुसा या पास वाली इमारत में भी नहीं गया, तो कैसे उसने अंदाजा लगाया कि बगल वाली बिल्डिंग से वो ज्वेलरी शॉप में एंट्री कर सकता है?

– उसे दुकान के उस स्ट्रॉन्ग रूम का कैसे पता चला, जिसकी दीवार में सेंध कर उसने करोड़ों को ज्वेलरी बटोर ली?

पुलिस को मिल गए सभी सवालों के जवाब

दिल्ली पुलिस की तफ्तीश में सुपर चोर लोकेश श्रीवास की इस करतूत से जुड़े इन सारे सवालों का जवाब मिल गया है. दिल्ली के उमराव सिंह ज्वेलर्स में चोरी करने से चंद रोज पहले ही लोकेश ने छत्तीसगढ़ के एक और ज्वेलरी शो रूम को टार्गेट किया था और वहां भी करोड़ों की चोरी की थी. सच्चाई ये है कि इस वारदात को अंजाम देने के बाद उसने छत्तीसगढ़ छोड़ दिया था और भटकते हुए दिल्ली आ पहुंचा था.

9 सितंबर को भोगल इलाके में पहुंचा था लोकेश

यहां 9 सितंबर को वो दिल्ली के भोगल इलाके में मौके की ताक में घूम रहा था. उसे पता था कि भोगल में ज्वेलरी का पूरा का पूरा एक बड़ा बाजार है. इसी रोज पहली बार उसकी नजर उमराव सिंह ज्वेलर्स पर पड़ी. उस रोज़ तो वो इस दुकान को बाहर से देख कर ही लौट गया, लेकिन इसके बाद वो फिर से 15 सितंबर को एक बार फिर इसी मार्केट में पहुंचा. आस-पास के लोगों से पूछ कर उसे पता चल गया कि ज्वेलरी शो रूम के बगल वाली बिल्डिंग में ज्यादातर किरायेदार ही रहते हैं. इसी वजह से एक तो उसका गेट हमेशा खुला रहता है और दूसरा वहां कोई सिक्योरिटी गार्ड भी नहीं होता. बस, इसी के बाद वो सीधे इस बिल्डिंग की छत पर चला गया, जहां से उसने शो रूम वाली बिल्डिंग पर पहुंचने का रास्ता देखा और बाकी की तैयारी के लिए वापस लौट गया.

गूगल की मदद से बनाया था नक्शा

लोकेश श्रीवास ने चोरी की तैयारी बड़े ही हाईटेक तरीके से की. सबसे पहले उसने गूगल मैप के ज़रिए ज्वेलरी शो रूम और आस-पास के इलाके की स्टडी की. खुद भी उसने पूरी लोकेशन का नक्शा खींचा. किसी टारगेट की स्टडी करना और उसका नक्शा खींचना उसने यू-ट्यूब देख कर सीखा. गूगल से ही उसने पूरे मार्केट के बारे में, उसके खुलने और बंद होने के बारे में जानकारी जुटाई. रेकी करने के दौरान वो पहले ही सिक्योरिटी का जायजा ले चुका था.

9 से 15 सितंबर तक की रेकी

इसके बाद उसने नक्शे की मदद से वारदात वाले दिन यानी 24 सितंबर को छत के रास्ते से दुकान में एंट्री की. रही बात उस स्ट्रॉन्ग रूम की, जिसकी दीवार में लोकेश ने सेंध लगा दी, तो पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि उसने 9 और 15 सितंबर को शो रूम की रेकी करन के दौरान ही ये भांप लिया था कि दुकान के अंदर ग्राउंड फ्लोर पर ही एक स्ट्रॉन्ग रूम मौजूद है, जिसमें काफी माल हो सकता है. दुकान के बाहर से ही वो सीढ़ी भी नजर आती है, जो ऊपर से नीचे आती है.

चोरी के लिए चुना था छुट्टी का दिन

दिल्ली की सबसे बड़ी ज्वेलरी हाइस्ट की तफ्तीश करने वाले एक अफसर ने बताया कि लोकेश को रेकी के दौरान और गूगल से पहले ही ये पता चल चुका था कि भोगल का ये मार्केट हर हफ्ते सोमवार को बंद रहता है. इसलिए उसने चोरी के लिए सोमवार का दिन ही चुना था. 24 सितंबर को वो रात करीब पौने बारह बजे बगल वाली बिल्डिंग से छत के रास्ते ज्वेलरी शो रूम में घुस गया. और रात को शो रूम के अंदर ही सो गया. असल में उसे शक था कि अगर रात को ही वो स्ट्रॉन्ग रूम की दीवार में छेद करने की कोशिश करेगा, तो खट-खट की आवाज से आस-पास के लोगों की नींद खराब होगी और शायद वो पकड़ा भी जाएगा. इसलिए उसने अगले दिन सुबह होने का इंतजार किया.

ऐसे दिया था चोरी को अंजाम

अगले दिन यानी सोमवार की सुबह वो तसल्ली से आठ-नौ बजे सो कर उठा. और हाथ मुंह धोकर नाश्ता कर तैयार हो गया. असल में वो ग्यारह-साढे ग्यारह तक इंतजार करना चाहता था, ताकि अगर इस बीच कोई दुकान खोल दे या अंदर आने की कोशिश करे, तो वो फिर से छत के रास्ते भाग जाए. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. फिर उसने सुबह साढे ग्यारह बजे से गहनों को समेटना शुरू कर दिया. उसने सिर्फ सोने के गहने और जेम स्टोन समेटे, चांदी के जेवर को छुआ तक नहीं. शो रूम में बाहर रखे सारे गहनों को समेटने के बाद उसने स्ट्रॉन्ग रूम का रुख किया. वो स्ट्रॉन्ग रूम को तोड़ने के लिए अपने साथ पहले ही पेचकस और कटर लेकर पहुंचा था. इत्तेफाक से उसे शो रूम के अंदर एक हथौड़ा भी मिल गया, जिससे उसे मदद मिल गई. इस तरह चंद घंटों में स्ट्रॉन्ग रूम में छेद करने में कामयाबी मिल गई और वहां भी जो गहने रखे थे, उन्हें उसने अपने पास मौजूद बैग में भर लिया और छत के रास्ते ही पड़ोस वाली बिल्डिंग से बाहर निकल गया. इसके बाद उसने बस ली और छत्तीसगढ़ चला गया.

दिलचस्प है सुपर चोर लोकेश की कहानी

दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी ज्वेलरी चोरी को अंजाम देकर सनसनी फैला देने वाले लोकेश श्रीवास की जिंदगी की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है. क्या आप यकीन करेंगे कि लोगों की जेबें काटने और उन्हें कंगाल कर देने वाला ये शातिर दिमाग शख्स अब से कुछ साल पहले लोगों के बाल काटा करता था?छत्तीसगढ़ के कवर्धा का रहनेवाले लोकेश श्रीवास की असलियत कुछ ऐसी ही है. वो पहले कवर्धा में ही एक सैलून चलाता था और लोगों से हमेशा मुस्कुरा कर मिलता था. लेकिन सैलून के काम से वो कभी संतुष्ट नहीं हुआ और उसे रातों-रात अमीर बनने की ख्वाहिश थी. लेकिन चूंकि वो ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था, तो उसने चोरी करने का फैसला किया. लेकिन अपने सामने शर्त ये रखी कि वो कभी छोटी चोरी नहीं करेगा, बल्कि जब भी करेगा वो बड़ी चोरी ही करेगा. यही वजह है कि वो चोरी सिर्फ ज्वेलरी और कैश की करता था. किसी और चीज की नहीं.

चोरी के इल्जाम में दो बार गया जेल

वो पहले भी चोरी के इल्जाम में दो बार जेल जा चुका है. एक बार 2017 में और दूसरी बार 2022 में. लेकिन खास बात ये है कि उसने जब भी किसी वारदात को अंजाम दिया, अकेला ही दिया. अगर उसने अपने साथ कभी किसी को रखा भी, तो बस सिर्फ एक बार के लिए रखा. क्योंकि उसे लगता है कि अगर वो गैंग बना लेगा और लोगों को साथ लेकर चलेगा, तो उसके पकड़े जाने का खतरा ज्यादा होगा. पुलिस ने जब उसके पकड़े जाने के बाद दिल्ली वाली चोरी को लेकर जांच शुरू की, तो पता चला कि इस बार भी उसने दो लोगों की मदद ली थी. लेकिन वो लोग कौन थे? उन्होंने इसकी क्या और कैसी मदद की, ये फिलहाल साफ नहीं है.

जिम में लगाए 60 लाख रुपये

अब इस सुपर चोर की एक और करतूत सुनिए. चोरी को अपनी करियर बना लेने वाले लोकेश श्रीवास को जिमिंग का शौक है. उसने कसरत करना अच्छा लगता है. इसलिए जब उसने चोरी में बड़ा हाथ मारा, तो उसने चोरी के रुपयों से एक मल्टी जिम खोलने का फैसला किया. अपने होम टाउन कवर्धा में उसने एक मल्टी जिम में चोरी के 60 लाख रुपये लगा दिए. फिलहाल लोकेश के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने इस जिम को सील कर दिया है. चोरी के पैसों से ही खरीदी गई एक नई पल्सर बाइक को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है.

दिल्ली आने से पहले की थी 5 करोड़ की चोरी

लोकेश ने साल 2006 में पहली चोरी की. ये एक छोटी चोरी थी. उसने एक मकान को टारगेट किया था. इसके बाद उसने कवर्धा के एक मंदिर में चोरी की. फिर जैसे-जैसे वो चोरियां करता रहा, अपनी चोरी का साइज बड़ा करता रहा. आगे चल कर उसने सिर्फ ज्वेलरी शो रूम को ही टार्गेट करना शुरू कर दिया. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में इसने 2019 में पारख ज्वेलर्स नाम के एक दुकान में 5 करोड़ की चोरी की थी. इस ज्वेलरी शो रूम में चोरी के लिए उसने जो तरीका अपनाया था, दिल्ली के उमराव सिंह ज्वेलर्स में चोरी के लिए भी उसे वही ट्रिक यूज की थी.

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