नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ताइवान की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लियू से मुलाकात की। पीएम मोदी और यंग लियू की यह बैठक फॉक्सकॉन की भारत में अपनी विनिर्माण क्षमता का विस्तार करने की योजना पर केंद्रित थी। उन्होंने देश में कंपनी की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग परियोजनाओं की सराहना की। इसके बाद पीएम मोदी ने 14 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के वर्चुअल मंच साझा किया।
कूटनीति के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने जिनपिंग के साथ ब्रिक्स सम्मलेन में लिया हिस्सा
यह बैठक में ऐसे और भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि हाल के कुछ सालों से भारत और तैवान दोनों के ही संबंध चीन के साथ अच्छे नहीं रहे हैं। जहां गलवान मामले को लेकर भारत की चीन के साथ तल्खी बढ़ी है, वहीं ताइवान भी बीजिंग की नीतियों से खुद को गंभीर खतरे की आशंका जताता रहा है।
हालांकि इस बीच भारत और ताइवान के बीच बीते वर्षों में बेहतरीन साझेदारी देखने को मिली है। ताइवान के साथ भारत के संबंध व्यापार, निवेश और पर्यटन को बढ़ावा देने पर केंद्रित रहे हैं। ऐसे में भारत ‘वन-चाइना’ नीति का पालन करता है। क्योंकि चीन का खतरा एक महत्वपूर्ण कारक है, जो भारत और ताइवान के बीच संबंधों की पूरी क्षमता को साकार होने में समय-समय में रुकावटें डालता है। ऐसे में फॉक्सकॉन प्रमुख के साथ बैठक आने वाले दिनों में कूटनीति की दिशा में नए आयाम स्थापित कर सकती है।
इस मौके पर पीएम के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट में कहा गया फॉक्सकॉन प्रमुख के साथ हुई बैठक में सेमीकंडक्टर्स सहित भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षमता के विस्तार के लिए कंपनी की योजना पर चर्चा की। इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण के लिए हमारा जोर नेट जीरो उत्सर्जन की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
फॉक्सकॉन अपनी सहायक कंपनी फॉक्सट्रॉन के माध्यम से भारत में एक इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण संयंत्र स्थापित करने की भी योजना बना रही है। बताते चलें कि कंपनी इलेक्ट्रिक वाहन के बाजार में एक नई खिलाड़ी है। पिछले साल उसने अमेरिका में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन के लिए एक संयंत्र खरीदा था।
फॉक्सकॉन ने कहा कि वह इस मॉडल को दक्षिण एशिया में उतरना चाहती है। यह विकास भारत को भी लाभान्वित करेगा क्योंकि यह इलेक्ट्रिक वाहन-निर्माताओं को देश में निवेश करने के लिए प्रेरित कर रहा है। हमारा उद्देश्य कच्चे तेल के आयात पर अपनी निर्भरता को कम करना है।
फॉक्सकॉन ईवीएस के निर्माण के लिए एक भारतीय कंपनी के साथ साझेदारी कर रही है, और तमिलनाडु में अपना प्लांट स्थापित करने के बारे में सोच रही है। बताया जा रहा है कि कंपनी वियतनाम और इंडोनेशिया को निवेश के लिए संभावित बाजारों के रूप में देख रही है।
सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्च रिंग के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की घोषणा के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्च रिंग स्पेस में यह पहला ज्वाइंट वेंचर है।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)